नितिन@रायगढ़। जिले के छाल रेंज में शनिवार को एक जंगली हाथी की 3 दिन पुरानी लाश मिली है। हाथी का शव मिलने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। वन विभाग की टीम जांच में जुटी है।
जंगली हाथी का शव दो से तीन दिन पुराना
जानकारी के अनुसार, छाल रेंज के हाटी सर्किल के कंपार्टमेंट 555 पीएफ कोल्हियामुडा में आज ग्रामीणों ने एक जंगली हाथी की लाश देखी। उनके द्वारा तुरंत घटना की सूचना वन विभाग को दी गई। बताया जा रहा है कि जंगली हाथी का शव दो से तीन दिन पुराना है। वहीं वन विभाग ने मीडिया को घटनास्थल से दूर रखने का प्रयास किया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बस इतना ही बताया कि जांच के बाद ही हाथी की मौत की सही कारणों का पता चल सकेगा।
वनकर्मी बिल्कुल लापरवाह
वही ग्रामीणों के बीच चर्चा में यह सबसे बात उठ रही है कि यहां 3 दिन से नर हाथी का शव पड़ा हुआ है, लेकिन इसकी भनक तक वनकर्मियों को नहीं लगी हर बार की तरह ग्रामीणों ने ही घटना की सूचना विभाग को दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि हाथियों की सुरक्षा को लेकर वनकर्मी बिल्कुल लापरवाह हैं।
बीटगार्ड की लापरवाही खुलकर आई सामने
छाल रेंज में जंगली हाथी का शव मिलने के बाद एक बार फिर बीट गार्ड की लापरवाही सामने आ रही है। इससे पहले भी धरमजयगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम जमाबीरा में 27 सितंबर को एक जंगली हाथी का 7 दिन पुराना शव मिला था। यहां भी क्षेत्र के बीटगार्ड की लापरवाही खुलकर सामने आई थी। इस मामले में हाथी की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण होने की बात कही गई थी। हाथी के शव का एक दांत भी गायब मिला था। दूसरा दांत मौके से कुछ दूर पर मिला था। वन विभाग के अधिकारियों को हाथी की मौत का पता हफ्तेभर बाद चला था।
वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर बीट तय
कहने के लिए वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर बीट तय किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है,ताकि वे इलाके की निगरानी कर सकें। लेकिन बीट के गश्त में लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जिसके कारण वन्य प्राणियों की मौत के कई-कई दिन बाद तक वन विभाग को जानकारी नहीं मिल पाती और हमेशा ग्रामीण ही विभाग को जानकारी देते हैं।