विशेष संवादाता, रायपुर
सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज सोमवार 17 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले लिए गए। खासकर आदिवासी समाज का आरक्षण बचाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का भी प्रस्ताव था। लेकिन लंबी चर्चा के बाद इसपर फैसला टाल दिया गया है। बैठक में आरक्षण पर बिलासपुर उच्च न्यायालय के निर्णय पर लंबी चर्चा चली। इसके अलावा सरकार से जुड़े कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई। कैबिनेट में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन पर शोक जताया और मौन श्रद्धांजलि भी दी गई।
बता दें कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने पिछले सप्ताह इसकी जानकारी दी थी। उनका कहना था, हमारी सरकार इस मामले को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही हैं। इस मामले को 17 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में भी रखेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हितग्राहियों को किया 1866 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। अरहर, मूंग एवं उड़द की फसलों की बुआई करने वाले किसानों के हित में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा निर्णय लेते हुए कहा है कि, धान खरीदी के बाद अब समर्थन मूल्य में अरहर, मूंग एवं उड़द भी छत्तीसगढ़ सरकार खरीदेगी। अरहर एवं उड़द की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 6600 रूपए प्रति क्विंटल और मूंग फसल की फसल 7755 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी होगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि तीन माह अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की पात्रता के समकक्ष राज्य योजना के राशनकार्डो (सामान्य राशनकार्ड को छोड़कर) में अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदाय किया जाएगा ।
इसी तरह माह अक्टूबर का नियमित मासिक खाद्यान्न निर्धारित उपभोक्ता दर पर और नवम्बर और दिसम्बर 2022 में राज्य योजना के राशनकार्डो (सामान्य राशनकार्ड को छोड़कर) में मासिक पात्रता का चावल निःशुल्क वितरण करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का के उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग की नीति का निर्धारण किया गया। जिसके तहत राज्य में एक नवंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी। इसी प्रकार मक्का की खरीदी एक नवंबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक की जाएगी।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि खरीफ वर्ष-2021 की भांति खरीफ वर्ष-2022 में भी किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान सहायता की राशि प्रदान की जाए।
इसके साथ ही खरीफ-2021 से गन्ना फसल को पंजीयन और गिरदावरी के आधार पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना में सम्मिलित कर आदान सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
धान उपार्जित क्षेत्र में धान के बदले अन्य फसल लेने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए आदान सहायता राशि उसी खरीफ सीजन के लिए लागू करने की अनुमति दी गई।
धान उपार्जित क्षेत्र में वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए तीन वर्ष तक आदान सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। आदान राशि प्रदाय के तीन वर्ष की समयावधि समाप्ति के पश्चात उसी रकबा/खसरा पर पंजीयन की पात्रता आगामी तीन वर्ष के लिए नही होने का निर्णय लिया गया।
गन्ना प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि गन्ना पेराई वर्ष 2020-21 की शेष गन्ना प्रोत्साहन राशि 11.99 करोड़ रूपए का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 में किसानों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदाय आदान सहायता राशि से समायोजन कर शेष राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य में नेशनल टॉॅजिट पास सिस्टम (एनटीपीएस) को लागू किए जाने हेतु अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत ऑनलाईन नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम के माध्यम से जारी इलेक्ट्रानिक अभिवहन पास या अनापत्ति प्रमाण पत्र भी सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में विधिमान्य किया जाएगा।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के सकल प्रवेश अनुपात बढ़ाने और राज्य के पिछड़े और अति पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्ता मूलक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी के तहत राज्य में उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित करने हेतु प्रस्तावित नीति के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को धान उपार्जन के लिए राज्य शासन द्वारा प्रदत्त शासकीय प्रत्याभूति (राशि14,700 करोड़ रूपए) की वैधता को एक वर्ष 31 अक्टूबर 2023 तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गई।
छत्तीसगढ़ उपभोक्ता कल्याण निधि नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत राज्य उपभोक्ता कल्याण निधि की स्थापना तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 75ः25 के अनुपात में उपभोक्ता कल्याण अंशदान के रूपए 20 करोड़ (कार्पस) फण्ड की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 5 करोड़ रूपए का अंशदान राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा।
आबकारी विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली आबकारी उप निरीक्षक के पद पर सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा में दो से अधिक बार परीक्षा में शामिल नही होने के प्रावधान को केवल एक बार के लिए छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
राज्य कर विशेष आयुक्त के पद पर पदोन्नति हेतु निर्धारित अर्हकारी सेवा अवधि 5 वर्ष में केवल एक बार के लिए दो वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की भांति संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के तहत प्रशासकीय अधिकारी के पदोन्नति के पद का वेतनमान सीधी भर्ती के पद के समान मेट्रिक्स लेवल-12 पात्रता तिथि से स्वीकृत किए जाने का निर्णय लिया गया।