वाराणसी। गंगातट, पड़ाव स्थित अघोरेश्वर महाविभूति स्थल के पावन प्रांगण में नव-निर्मित अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शाम श्री सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी की गरिमामय उपस्थिति में किया। इससे पहले महाविभूति स्थल प्रांगण में सर्वप्रथम अवधूत भगवान राम नर्सरी विद्यालय के बच्चों द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। तत्पश्चात् मुख्यमंत्री अघोरेश्वर भगवान राम जी की समाधि में पुष्पांजलि देकर माल्यार्पण-पूजन किये। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उद्घाटन स्थल पर परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान रामजी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि देकर दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद फीता काटकर नारियल बलि करके अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा अनुसंधान भवन का सर्वेक्षण करने के उपरांत अनुसंधान केंद्र के बाहर बने मंच पर पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी के साथ विराजमान हुए। नर्सरी विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत गाया और छात्रा कुमारी शुभदा पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को रामचरित मानस और गुलदस्ता भेंट किया।
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर अघोरेश्वर भगवान राम जी के पावन धाम में यहाँ आकर मैं अपने को धन्य समझ रहा हूँ। आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अघोरेश्वर जननी के निर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर हम इस पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने वाले योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन करने का सुअवसर मुझे प्राप्त हुआ है। भारत की शैव परंपरा में अघोर परंपरा में साधना की एक ऐसी प्रकृति है कि इस जगत में रहते हुए भी परमात्मा के सान्निध्य का सौभाग्य प्रदान करते है। व्यावहारिक दृष्टि से देखें तो समाज को जोड़कर सामाजिक न्याय की अवधारणा को साकार करता है। सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में महाराजश्री बाबा कीनाराम जी ने जिस अघोर परंपरा को एक नया जीवन दिया था उसको परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी ने एक नयी ऊंचाई प्रदान की। यह मेरे लिए सौभग्य की बात है कि शैव परम्परा से जुड़े होकर अघोरेश्वर भगवान राम के इस सर्वेश्वरी समूह से जुड़ने का अवसर आज मुझे मिला। मुझे अघोरेश्वर भगवान राम के आश्रम से जुड़ने का अवसर बहुत दिनों से मिला हुआ है। मैंने देखा है कि पड़ाव में किस तरह से पीड़ित-उपेक्षित जनों तथा कुष्ठी बंधुओं की सेवा का अप्रतिम योगदान समाज में दिया जा रहा है। आज अघोरेश्वर भगवान राम जी के सेवा कार्यों को आगे बढ़ने वाले गुरुपद संभव राम जी द्वारा लोगों की पीड़ा और उनके रोग का हरण करने के लिए ही इस चिकित्सा केंद्र का शुभारम्भ किया गया है। आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने अनुसंधान परिसर में ही बिल्व (बेल) पौधे का रोपण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।