रायपुर / 06 फरवरी 2023 : अल्पसंख्यकों के लिए बजटीय आवंटन में भारी कटौती करने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीस गांधी ने कहा है कि केंद्रीय बजट 2023 कॉरपोरेट्स के हितों की सेवा करता प्रतीत होता है।
श्री गांधी कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए बजट आवंटन 5,000 करोड़ रु. से घटाकर 3,000 करोड़ करने पर यह संकेत दिया कि यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” के आह्वान के अनुरूप नहीं था।
उर्वरक पर सब्सिडी में कटौती से खाद्यान्न उत्पादन की लागत में वृद्धि होगी और पेट्रोलियम सब्सिडी में कटौती से मुद्रास्फीति में और वृद्धि होगी, दोनों ही भारतीय आबादी के अधिकांश गरीब लोगों को प्रभावित करेंगे।
इदरीस गांधी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का केवल 2.1 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत था,
श्री गांधी ने मांग की कि इसे क्रमशः जीडीपी के कम से कम 3 प्रतिशत और 6 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए।
गाँधी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है, उस पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
अडानी इंटरप्राइजेज का नाम लेते हुए इदरीस गांधी ने कहा कि एक विदेशी अनुसंधान फर्म द्वारा एक मूल्यांकन रिपोर्ट के प्रकाशन मात्र से एक प्रमुख व्यापारिक घराने को बाजार मूल्य में $100 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट घराने के स्वामित्व वाली 10 फर्मों में निवेशकों को एक लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है, श्री गाँधी ने मांग की कि सरकार को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
श्री गांधी ने आगे कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति संसद या राजनेताओं से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि न्यायाधीशों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए न कि किसी अन्य आधार पर।श्री गांधी ने कहा कि अगर योग्यता को नजरअंदाज किया जाता है, तो न्याय वितरण की समग्र प्रणाली पर इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।