BBC Documentary Row: पिछले कई दिनों से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद गहराता ही जा रहा था। इसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया। सुप्रीम कोर्ट में आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को बैन करने को लेकर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू सेना के अध्यक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें बताया गया था कि इंडिया द मोदी क्वेश्चन के नाम से बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया भारत में शांति और अखंडता को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही साथ यह भी मांग की थी कि अदालत जांच एजेंसियों को निर्देश दे कि जिस भी पत्रकार ने यह भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री बनाई है, उसके खिलाफ निष्पक्ष रूप से जांच कराई जाए।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने 2002 के गुजरात के दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री को भारत में प्रसारित किया था। इस पर भारत सरकार ने नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री के दोनों भागों को भारत सरकार ने कुछ प्लेटफार्म से हटा दिया। 21 जनवरी को केंद्र ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए थे। इस फैसले को लेकर खूब हंगामा हुआ और विपक्ष ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की पूरी कोशिश की। इस प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को कई विश्वविघालयों में सार्वजनिक रूप से दिखाया गया। जिसके बाद कई जगहों पर हंगामा देखने को मिला था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि याचिका पूरी तरह से गलत है। साथ ही साथ यह भी कहा कि आप इस पर बहस कैसे कर सकते हैं। बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए कैसे कहा जा सकता है।