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क्‍या है ईटिंग डिसऑर्डर? जानें इसके कारण और लक्षण

सभी लोगों की ईटिंग हैबिट अलग-अलग होती है। कुछ लोग हेल्थ को लेकर इतना ज्यादा सतर्क होते हैं कि एक-एक बाइट की कैलॉरी काउंट कर लेते हैं। तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो खाने को काफी तरजीह देते हैं, ऐसे लोग हर वक्त कुछ ना कुछ खाना पसंद करते हैं, ताकि उनकी सेहत बनी रहे। लेकिन लोगों की इन आदतों का सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इन्हीं आदतों को ईटिंग डिसऑर्डर यानी खान-पान से जुड़ी बीमारी कहा जाता है।

किसे कहते है ईटिंग डिसॉर्डर

यह एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर होता है, जिसमें व्यक्ति कभी तो जरूरत से भी ज्यादा खाता है तो कभी बहुत ही कम खाता है। इतना कम कि उसका वजन कम हो जाता है और बॉडी मास भी घट जाता है। कई लोग मोटापे से निजात पाने के लिए ना सिर्फ खाने से परहेज करते हैं, बल्कि शरीर में मौजूद कैलॉरी को घटाने के लिए हानिकारक तरीकों का सहारा लेते हैं, जिससे बुरा असर पड़ता है। आप भी अपनी खान-पान की आदतों से परेशान हैं तो हो सकता है आप भी ईटिंग डिसऑर्डर की शिकार हैं। जानें- कैसे इस परेशानी से निजात पाई जा सकती है।

ईटिंग डिसऑर्डर के प्रकार

एनोरेक्सिया नर्वोसा

बुलीमिया नर्वोसा

बिंज ईटिंग डिसऑर्डर

पिका

रुमिनेशन डिसऑर्डर

एवॉइडेंट फूड इंटेक डिसऑर्डर

नाइट ईटिंग सिन्‍ड्रोम

ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण

वेट लॉस

दूसरों के सामने खाने से शर्माना

कॉन्‍सटीपेशन

अधिक भूख लगना

खाना न खाना

पीरियड्स न होना

ईटिंग डिसऑर्डर से इस प्रकार करें बचाव

ईटिंग डिसऑर्डर से बचने के लिए रोजाना तीनों वक्त का खाना जरूर खाएं। तीनों टाइम पौष्टिक आहार लेने की कोशिश करें। सही समय पर ब्रेकफस्ट, लंच और डिनर करें।

अगर आपको कम खाने की आदत है तो आप एक दम अपनी खाने की आदत में सुधार नहीं कर सकते। आप धीरे-धीरे खाने की आदत डालें। अपने खाने में दही, फ्रूट्स, छाछ के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां और फल शामिल करें। ब्रेकफस्ट न करने का मन हो तो एक रोटी खा लें। धीरे-धीरे खाने की मात्रा को सामान्य करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको सही खान-पान की आदत हो जाएगी।

कई लोग दोस्तों और अन्य लोगों के प्रेशर में आकर खाना-पीना छोड़ देते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। लोगों की बातों पर ध्यान न दें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।

जबरदस्ती खाने की आदत को बदलें। हर वक्त खाने से होने वाले फायदे के बारे में नहीं सोचें। जब भूख लगे, तब खाएं। जबरदस्ती भूखा न रहें। सही वक्त पर खाएं। ऐसा करने से न सिर्फ खान-पान संबंधी बीमारी दूर हो जाएगी, बल्कि आप हेल्दी भी हो जाएंगे।

ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति में खान-पान संबंधी बीमारी किस तरह की है और उसका लेवल क्या है। ईटिंग डिसऑर्डर के लिए कई तरह की थेरैपी दी जाती है, जिसमें आर्ट थेरैपी, रिक्रिएशन थेरैपी और म्यूजिक थेरैपी प्रमुख हैं। इसके अलावा बिहेवियरल थेरैपी, कॉग्निटिव रेमेडिएशन थेरैपी, फैमिली थेरैपी और इंटरपर्सनल सायकोथेरैपी भी की जाती हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

https://theruralpress.in/2023/02/25/what-is-eating-disorder-know-its-causes-and-symptoms/