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व्यापारियों ने अमेजन एवं फ्लिप्कार्ट जैसी ई – कॉमर्स कंपनियों का किया पुतला दहन : कैट ने केंद्र सरकार का जताया विरोध
CAT PUTLA DAHAN

रायपुर। केंद्र सरकार की FDI नीति के निरंतर उल्लंघन और अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ कड़ा विरोध और आक्रोश दर्ज कराने के लिए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के झंडे तले व्यापारियों ने अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के पुतलों का दहन किया।

कैट के आह्वान पर देश के विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक शहरों में व्यापारिक संगठनों ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन कर अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के पुतलों की होली जलाई। भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को बेहद विषाक्त करने तथा उसके स्वरूप को विकृत करने के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख व्यापारिक संगठनों से जुड़े व्यापारियों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर और हाथों में अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों के पुतले लेकर नारेबाजी की।

ई-कॉमर्स कंपनियों को दी चेतावनी

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर परवानी ने दोनों पुतलों को मुखाग्नि देते हुए कहा कि यह अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है, जो न केवल सामानों की आपूर्ति में बल्कि खाद्यान, ट्रेवल और पर्यटन, मनोरंजन, कैब सेवाएं, टिकटिंग, खाद्य पदार्थों की डिलीवरी, दवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी, शिक्षा एवं ऑनलाइन गेम सहित अन्य रिटेल क्षेत्रों में अपनी मनमानी करते हुए व्यापारियों के व्यवसाय को नुक्सान पहुंचा रही हैं। कैट अन्य राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियां या तो नियमों का पालन करें या अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को भारत में बंद कर दें।

थोक और खुदरा व्यापर हुआ प्रभावित

अमर परवानी ने कहा कि ई-कॉमर्स की विकृत प्रकृति के कारण देश का खुदरा और थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, खासकर मोबाइल और मोबाइल एक्सेसरीज, किराना, मसाले, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट आइटम, रेडीमेड गारमेंट्स, जूते , चश्मा, घड़ियां, फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां, सूखे मेवे, खाने का सामान, रसोई के उपकरण, बिल्डर हार्डवेयर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी, कागज, बिजली के सामान आदि। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो ये कंपनियां अपनी मनमानी कर बाकी के सारे धंधे अपने हाथ में ले लेंगी। कैट ने सरकार से देश में करोड़ों लोगों की आजीविका से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का आह्वान किया है।

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