रायपुर. छत्तीसगढ़ में सोमवार को एक खबर ने सबको चौंकाया. खबर बिलासपुर से आई थी, जहां एक महिला की कोरोना से मौत हो गई. महिला सर्दी-खांसी समझकर दवाई खाती रही. जब हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, तब कोरोना की पुष्टि हुई. विधानसभा में सोमवार की कार्यवाही हास-परिहास के साथ हुई. प्रश्नकाल के दौरान दो कुंवारे विधायकों की शादी नहीं होने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने चिंता जताई. वहीं, दोपहर बाद एक विधेयक के जरिए पेंशन बढ़ाने के विधेयक को मंजूरी दी गई. अब पूर्व विधायकों को हर महीने 58300 रुपए पेंशन मिलेगी. पहले यह राशि 35000 थी.
विधानसभा में हास-परिहास ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष को विपक्ष के तीखे-तेवर से भी जूझना पड़ा. पीएम आवास के मुद्दे पर पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे पर विपक्ष ने जोरदार हमला किया. बाद में घुमाकर जवाब देने का आरोप लगाकर वॉकआउट कर दिया. पीडीएस में 600 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाकर स्थगन की मांग को लेकर भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. इस वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हुई और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. इस मुद्दे पर पहले ही खाद्य मंत्री अमरजीत भगत विपक्ष के तीखे आरोप झेल चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर राजनीति गरमाने के आसार हैं. कांग्रेस विधायकों के दल ने राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की और उन्हें आरक्षण विधेयक को मंजूरी देने का आग्रह किया. आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल राजनीतिक दबाव में हैं.