रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन आज प्रश्नकाल में बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने बंद स्कूलों को प्रारम्भ करने की घोषणा का मुद्दा उठाया। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम के जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं हुए। जिसके बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा कि जन घोषणा पत्र में क्या बंद स्कूलों को प्रारंभ करने की घोषणा भी की गई थी। प्रदेश में जनवरी 2019 से दिनांक 31 जनवरी 2023 तक कितने नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है, इसमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं, और कितने बंद स्कूलों को चालू करने की योजना है।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया जवाब दिया कि प्रश्नाधीन अवधि में 275 बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है, और इनमें 185 शिक्षक कार्यरत हैं। बीजापुर में 199 स्कूल, कांकेर में 2, सुकमा में 74 बंद स्कूल खोले गए. प्रायमरी स्कूल में 146 और मिडिल स्कूल में 39 शिक्षक हैं। जहां पर शिक्षक नहीं है, वहां 12वीं पास लोगों से पढ़ाई करवाई जा रही है।
शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक धरमलाल कौशिक ने वर्षवार जानकारी मांगते हुए कहा कि यह शिक्षा व्यवस्था की हालत है। 275 स्कूलों में सिर्फ 185 शिक्षक हैं। इस पर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि जहां शिक्षक नहीं है, वहां जो स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की गई है, वो कितने हैं, और उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है।
स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने जवाब में कहा कि स्थानीय स्तर पर व्यवस्था के मुताबिक, सुकमा में 45, बीजापुर में 210 की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की गई है। इनकी सैलरी डीएमएफ फंड से दी जाती है। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आपने स्कूलों को बंद किया और हमारी सरकार ने खोला। आप लोगों ने शिक्षा व्यवस्था छीना है। जिसके बाद से सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने लगी।
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