नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में एक दिन में कोविड-19 के 1,590 केस दर्ज किए गए हैं यह संख्या146 दिनों में सबसे अधिक है। संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 8,601 हो गई । वहीं दूसरी ओर H3N2 वायरस के कई मामले आए हैं, जिससे कुछ लोगों की मौत भी हो गई है। जिसको देखते हुए इन बीमारियों से बचाव के तरीकों का पालन करना जरूरी हो गया है। साथ ही इन दोनों बीमारियों की वैक्सीन भी उपलब्ध हैं। कोविड और एच3एन2 दोनों ही श्वसन की बीमारी है, जिसके ज्यादातर लक्षण भी एक से हैं। Covid & H3N2 Flu
एक साथ हो सकता है कोविड और फ्लू
अगर हां, तो लक्षण किस तरह के हो सकते हैं? एक्सपर्ट्स की मानें, तो ऐसा मुमकिन है कि दोनों वायरस एक साथ किसी को शिकार बना लें। अगर ऐसा होता है, तो लक्षण भी काफी गंभीर रूप ले सकते हैं, खासतौर पर कमजोर लोगों में। इसलिए जैसे ही आप बुखार, खांसी, बदन दर्द, गले में खराश, दस्त, कमजोरी आदि महसूस करें फौरन टेस्ट करवाएं।
कोविड और एच3एन2 दोनों ही श्वसन से जुड़े वायरल रोग हैं। बैक्टीरिया की तरह, वायरस बीमारी भी एक साथ हो सकती है। हालांकि, दोनों मामलों में लक्षण लगभग एक तरह के हैं। सभी तरह की वायरल बीमारियों में कमजोरी, थकावट, हल्का से तेज बुखार, दस्त आदि जैसे लक्षण देखे जाते हैं। बीमारी का पता लगाने के लिए आप कोविड और फ्लू दोनों का टेस्ट करवा सकते हैं। ऐसा होने पर दवाइयों के साथ आराम और शरीर को हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है।
एक साथ होने के आसार हैं कम
वैसे तो एक साथ कोविड और एच3एन2 संक्रमण होने की संभावना काफी कम है। ऐसा कम ही देखा जाता है कि कोई एक साथ दो वायरल बीमारियों का शिकार हो गया हो। जिन लोगों की इम्यूनिटी क्रॉनिक बीमारी या स्टेरॉइड्स की वजह से कमजोर है, उनमें इसका जोखिम बढ़ जाता है।
एक साथ दो इन्फेक्शन हो जाने से क्या लक्षणों पर असर पड़ता है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि तेज बुखार, सांस की दिक्कत, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर दर्द, कमजोरी, उल्टी, दस्त आदि जैसे लक्षण ही दिखते हैं। हालांकि, डाटा बताता है कि दोनों संक्रमणों से इन्फेक्ट होने की वजह से लोगों में लक्षण गंभीर रूप ले लेते हैं।
बीमारी के लक्षण कितने गंभीर होंगे, वह इम्यूनिटी, दूसरी बीमारी, वैक्सीनेशन पर भी निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर जिन मरीजों को दोनों कोविड और फ्लू की वैक्सीन लगी है, साथ ही वे किसी क्रॉनिक बीमारी से नहीं जूझ रहे हैं, तो उनमें जोखिम कम हो जाता है।