टीआरपी डेस्क। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार एक नया स्पाइवेयर सिस्टम खरीदने की तैयारी में है। इस संबंध में चर्चा आगे के स्तर तक पहुंच गई है। भारत सरकार विवादित पेगासस स्पाईवेयर की बजाय अब कम प्रोफ़ाइल के साथ एक नया स्पाइवेयर सिस्टम हासिल करना चाहती है। इसके लिए 12 करोड़ डॉलर (करीब नौ अरब 86 करोड़) तक का बजट रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेगासस की तुलना में “कम उजागर” स्पाइवेयर सिस्टम की तलाश में हैं। जिसका इस्तेमाल अन्य जगहों पर पेगासस के मुक़ाबले कम हुआ हो। पेगासस इसराइल के एनएसओ ग्रुप का स्पाईवेयर सिस्टम है।
पेगासस को लेकर पिछले साल बड़ा विरोध दावा किया गया था। विरोध का आधार और इसको लेकर किए जा रहे दावों के मुताबिक कहा गया था कि पेगासस की मदद से सरकार ने कई राजनेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के ख़िलाफ़ इसका इस्तेमाल किया है। हालांकि भारत सरकार ने इससे इंकार करते हुए कहा था कि पेगासस से सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
ऐसी जानकारी है कि भारत जल्द ही एक अनुबंध के लिए बोली लगाने के लिए दुनिया भर से स्पाइवेयर फर्मों को आमंत्रित करने वाले प्रस्तावों के लिए अनुरोध कर सकता है। यह प्रक्रिया ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, बेलारूस और साइप्रस सहित अन्य देशों में मौजूद स्पाइवेयर फर्मों को भी आकर्षित कर सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सरकारों के बारे में माना जाता है कि स्पाईवेयर क्षमताएं “निजी सैन्य ठेकेदारों के बजाय उनकी अपनी खुफिया एजेंसियों” द्वारा विकसित की गई हैं।
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