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हिन्दू राज्य नहीं हम राम राज्य की मांग करते हैं, अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा -महात्मा किसी राजनीतिक दल से जुड़ जाता है, तो वो हिन्दू महात्मा नहीं रह जाता

रायपुर।  अविमुक्तेश्वरानंद रायपुर में  प्रेस कांफ्रेंस किया है। उन्होंने इस धारण हिंदू राष्ट्र, राजनीति समेत अनेक मुद्दों पर बात किया। उन्होंने कहा कि  छत्तीसगढ़ के लोग पुराण प्रेमी है।  पुराण के माध्यम से सनातन धर्म को जानते है और उन्हें जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। 36 पुराण छत्तीसगढ़ में होगी। 36 पुराणों को सुने ,36 पुराणों का वाचन होता है। छत्तीसगढ़ के लोग 36 पुराण सुन सके इसलिए छत्तीसगढ़ आना हुआ है । आगे भी आना होगा। 

छत्तीसगढ़ में बाबाओ की बाढ़ पर कहा कि दूर से देखने पर पता नहीं चलता, लेकिन बात से पता चल जाता है 

कोयला भी काला है, कौआ भी काला है , लेकिन जब बोलते है पता चल जाता हैं। 

हिन्दू राष्ट्र को लेकर कहा कि हम हिन्दू राज्य नहीं राम राज्य की मांग करते हैं। हमने हिन्दू राष्ट्र की मांग नहीं की ,जो कर रहे है वो प्रारूप नही रखें है।  हम कुछ नही कहेंगे। हिन्दू खतरे में तब होगा जब धर्म का पालन नही करेंगे। धर्म की शिक्षा नहीं मिल रही है। विद्यालय में धर्म की शिक्षा मिलना चाहिए। मदरसे में अगर पढ़ाई हो रही है, तो हिन्दू धर्म की पढ़ाई क्यों नही हो रही है। अनुच्छेद 30वा क्यों है? हिंदू खतरे में जब होगा जब वो धर्म का पालन नहीं करेगा। इसके लिए राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार है। धर्म की शिक्षा नहीं दी जा रही है। शिक्षानीति में बदलाव की जरूरत है धर्म की शिक्षा दी जानी चाहिए।

आजकल की राजनीति जादूगरनी हो गई है,कहो कुछ करो कुछ। जनता की दृष्टि हो रही है तो ध्यान भटका दिया जाता है। हमारी पद्धति पारदर्शी वाली हैं,

जो अंदर बाहर एक जैसी होती हैं। 

बाबाओं की भीड़ पर कहा कि जब तक आप दूर से देखते है तब तक कुछ पता नहीं चलता है, पास से देखते है तो पता चल जाता है ।असलियत क्या है,संत और असंत एक समान दिखते है। जो महात्मा किसी राजनीतिक दल से जुड़ जाता है तो वो हिन्दू महात्मा नहीं रह जाता।  राजनीति में जाता है तो उसे शपथ पत्र भरना पड़ता है कि वो धर्म निरपेक्ष है।  महात्मा धर्मनिरपेक्ष होता है और उनके रोम रोम में धर्मनिरपेक्ष बसा रहता हैं।

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