Sakti District : छत्तीसगढ़ का सक्ती जिला 9 सितंबर 2022 को अस्तित्व में आया। पहले यह जांजगीर-चांपा जिले का हिस्सा हुआ करता था। सक्ती 14 देसी रियासतों में से एक था। यहाँ गोंड राजाओं का शासन चलता था। जिले में डोलोमाइट के प्रचुर भंडार हैं। इसलिए इसे भारत का ‘डोलोमाइट हब’ कहा जाता है। कृषि उपकरणों का निर्माण भी यहां बड़े पैमाने पर किया जाता है। महानदी, सोन और बोरई इस क्षेत्र से बहने वाली प्रमुख नदियां हैं। अष्टभुजी देवी मंदिर अड़भार,चंद्रहासिनी देवी मंदिर के अलावा यहां रेनखोल और दमउदरहा जैसे सुंदर पर्यटन स्थल हैं। जिले के बारे में शेष जानकारी आपको आर्टिकल में आगे मिलेगी।
इतिहास
सक्ती जिले का इतिहास बहुत प्राचीन है। महाभारत काल में इस स्थान का उल्लेख ऋषभ तीर्थ के रूप में मिलता है। सक्ती रेलवे स्टेशन से लगभग 14 मील की दूरी पर गुंजी नामक गांव में प्राचीन शिलालेख पाए गए हैं, जो पाली भाषा में लिखे गए हैं। ये संभवत: पहली शताब्दी के हैं। मान्यता है कि यहां की भूमि शक्ति से भरपूर है इसलिए इसे ‘सक्ती’ के नाम से जाना गया।
यह भी बताया जाता है कि यह क्षेत्र पहले संबलपुर शाही परिवार के अधीन था। दशहरे के दिन गोंड राजाओं ने भैंसों को लकड़ी की तलवार से मारकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। उनके प्रदर्शन से प्रसन्न होकर संबलपुर के राजा ने सक्ती को एक स्वतंत्र रियासत का दर्जा दिया। तब से यहां गोंड राजाओं का शासन चलता था। मध्य भारत में यह सबसे छोटी रियासत हुआ करती थी।
प्रशासनिक जानकारी
सक्ती जिले का क्षेत्रफल 1,51,976 वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या
6,47,254 है। जिला मुख्यालय सक्ती है। इसके अंतर्गत 6 तहसील, 4 विकासखंड, 6 नगरीय निकाय, 319 ग्राम पंचायत और 465 गांव हैं।
कृषि
सक्ती जिले में मुख्य रूप से धान की फसल ली जाती है। इसके अलावा यहां गेहूं,रागी, कोदो-कुटकी, चना, अरहर, मूंग, आदि की भी खेती की जाती है।इस भली प्रकार सिंचित जिले में बागवानी फसलों के साथ-साथ मसालों की खेती भी खूब होती है।
अर्थव्यवस्था
जिले में डोलोमाइट का प्रचुर भंडार है। इसे देश का ‘डोलमाइट हब’ माना जाता है। यहां उत्पादित डोलोमाइट का उपयोग भिलाई, राउरकेला और दुर्गापुर के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित स्टील प्लांट्स में किया जाता है।
यहाँ ट्रक के टिपर, ट्रेलर, फ्लैटबेड ट्रेलर, बॉक्स टाइप ट्रेलर, ट्रैक्टर ट्रॉली और कृषि उपकरणों का निर्माण किया जाता है। जिला कोसा के वस्त्रों के लिए भी जाना जाता है। यहां चावल मिल और दो बिजली संयंत्र है।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
प्रमुख काॅलेज
० जेएलएन कॉलेज
० शासकीय क्रांति कुमार भारतीय महाविद्यालय
० शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी महाविद्यालय
० श्याम शिक्षा महाविद्यालय
० श्री बालाजी कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज
० जगरानी देवी डिग्री कॉलेज
० शासकीय आईटीआई
० जगरानी देवी आईटीआई आदि
प्रमुख स्कूल
० जिंदल वर्ल्ड स्कूल
० सरस्वती शिशु मंदिर
० शासकीय हाई स्कूल
० एमएल जैन हायर सेकंडरी स्कूल
० गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल
० संस्कार पब्लिक स्कूल
० अनुनय कान्वेंट स्कूल आदि
प्रमुख पर्यटन स्थल
अड़भार
अड़भार सक्ती जिले का प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। अपने आठ विशाल द्वारों के कारण इसे नाम मिला अष्टद्वार, जिसका अपभ्रंश होते हुए इसे अड़भार कहा जाने लगा। यहां स्थित दुर्गा देवी मंदिर को महान शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जिसमें देवी की ग्रेनाइट निर्मित अष्टभुजी दुर्लभ आदमकद मूर्ति है। दक्षिणामुखी यह मूर्ति काफी अच्छी स्थिति में है। यहाँ नवरात्रि में ज्योति कलश स्थापित किए जाते हैं।
चंद्रहासिनी मंदिर
मांड नदी,लात नदी और महानदी के संगम पर स्थित है चन्द्रपुर। यहाँ माँ चंद्रहासिनी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। देवी का मुख चंद्रमा की आकृति में होने के कारण इनकी प्रसिद्धि चंद्रहासिनी देवी के रूप में हुई। यहाँ पौराणिक व धार्मिक कथाओं की झांकियां जैसे समुद्र मंथन, महाभारत की द्यूत क्रीड़ा आदि आगंतुकों को आकर्षित करती हैं।
दमउदरहा जलप्रपात
सक्ती से कोरबा जाने के रास्ते में पड़ता है दमउदरहा जलप्रपात। यह स्थान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं। यहां जल प्रपात के अलावा गुफाएं, रामजानकी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, ऋषभ देव मंदिर इत्यादि हैं।
रेनखोल
जिले से 24 किमी दूर चारों ओर पहाड़ों से घिरा गांव है रेनखोल। पहाड़ों के बीच तलहटी में स्थित होने से यह एक कटोरे की तरह दिखाई देता है। चौतरफा हरियाली से युक्त इस पर्यटन स्थल में सूर्योदय आधा घंटा देर से नजर आता है वहीं सूर्यास्त जल्दी होता है। प्राकृतिक सुषमा के बीच सुकून की तलाश में बहुत से पर्यटक यहां आते हैं।
कैसे पहुँचे
प्लेन से
निकटवर्ती प्रमुख हवाई अड्डा विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर है। यहाँ से बस या कैब से सक्ती पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन से
सक्ती बॉम्बे-हावड़ा मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। सक्ती में रेलवे स्टेशन है। जांजगीर-चांपा स्टेशन नजदीकी अन्य स्टेशन है। रायपुर निकटवर्ती बड़ा स्टेशन है।
सड़क मार्ग से
NH 200 ज़िले से होकर गुजरता है। जिला राजकीय राजमार्ग से निकटवर्ती शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।