नितिन@रायगढ़। जिले के खरसिया शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसे जानकर वहां उपस्थित लोग दहल उठे। जिसमें सिंचाई कॉलोनी में रहने वाली एक शासकीय शिक्षिका के द्वारा पांच साल की मासूम गरीब बच्ची को बीते दो सालों से बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा था। जानकारी के अनुसार आरोपिया मासूम से घर का काम करवाने के अलावा उसे खाने पीने को नही देती थी। मासूम को बाथरूम में कई कई दिनों तक बंद कर दिया जाता था। इसकी सूचना कॉलोनी वासियों के द्वारा स्थानीय पत्रकार को दी गई। उनके द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल महिला बाल विकास अधिकारी पुनीता दर्शन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस श्रीमती निमिषा पांडे एवं चौकी प्रभारी अमिताभ खांडेकर को दी गई।
अधिकारियों के द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए आशा अग्रवाल के घर में दबिश दी गई जहां मासूम बच्ची बाथरूम में बंद मिली। जिसकी बाहर से कुंडी लगी हुई थी बाथरूम से जब बच्ची निकाली गई,वहां उपस्थित पुलिस अधिकारियों महिला बाल विकास अधिकारी और पत्रकारों के भी आंखों से आंसू आ गए। उन्होंने अपने जीवन में इतना वीभत्स दृश्य कभी नहीं देखा था। महिला बाल विकास अधिकारी पुनीता दर्शन ने बताया कि बच्ची डरी हुई है और भूखी भी है हो सकता है इसके साथ मारपीट भी की गई है। इधर देर रात रायगढ़ से चाइल्ड लाइन के अधिकारियों की टीम आ गई और बच्ची को अपने संरक्षण में रायगढ़ ले आई।
वहीं बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना ने बताया कि आरोपित महिला आशा अग्रवाल आज से आठ साल पहले भी इसी तरह एक मासूम बच्ची पर अत्याचार करते हुए पकड़ी गई थी। अभी पुलिस अधिकारियों के द्वारा आगे की कार्यवाही की जा रही है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार मासूम बच्ची दो साल पहले विश्रामपुर से लाई गई थी।
चूकि अरोपिता ने दूसरी बार इस तरह का घृणित अपराध किया है उस हिसाब से हमने पूरी तैयारी के साथ प्रमाण एकत्र कर आरोपित महिला के विरुद्ध गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज करने की पुलिस से अनुशंसा करेंगे। फिलहाल हमारी टीम रेस्क्यू के बाद मासूम की काउंसलिंग कर रही है। सोमवार तक हम अग्रिम कार्यवाही के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेंगे।