अंकित सोनी@सूरजपुर। जिले के हाईटेक बस स्टैंड को बने एक अरसा बीत चुका है। बस स्टैंड खुलने के साथ ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुलिस सहायता केंद्र की भी नीव इस बस स्टैंड परिसर में रखी गई थी, लेकिन पुलिस सहायता केंद्र होने के बावजूद भी क्यों आज इस परिसर में सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
दरवाजे पर लटकते ताले और दीवारों पर लिखा पुलिस सहायता केंद्र का यह नजारा है सूरजपुर के हाईटेक बस स्टैंड में स्थित पुलिस सहायता केंद्र का। जहां न तो कोई पुलिसकर्मी मौजूद रहता है और न ही इस केंद्र के दरवाजे पर लटके ताले कभी खुलते हैं। पुलिस प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बस स्टैंड के परिसर में ही जब इस केंद्र की स्थापना की गई थी। तब राहगीरों में अपनी सुरक्षा को लेकर उम्मीद की नई किरण जगी थी, क्योंकि यह बस स्टैंड जहां पर खोला गया है वह इलाका काफी सुनसान है।
पुलिस सहायता केंद्र खुलने के बाद से शुरू के कुछ माह तक तो यहां पुलिसकर्मी नजर आए। मगर वक्त के साथ वह भी अब यहाँ आने से कतराने लगे हैं।
लिहाजा अब यहां आने जाने वाले राहगीर की अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है,, जिसकी वजह से लोग इस बस स्टैंड की बजाय किसी अन्यत्र जगह से बस पर सवार होना ज्यादा सही समझते हैं |
हाईटेक बस स्टैंड परिसर में स्थित इस पुलिस सहायता केंद्र में किसी भी पुलिसकर्मी के न होने के कारण,,, जहां एक ओर इस बस स्टैंड में रोजाना असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। वही राहगीरों का मानना है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण आए दिन यहां विवाद होते रहते है और यहां आने वाली महिलाएं भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं।
अगर यहां पर पुलिस की मौजूदगी होती तो स्थिति ऐसी नही होती वहीं जगह-जगह बिक्री शराब की बोतलें को देखकर भी यह कहा जा सकता है कि यह बस स्टैंड यात्रियों की जगह पर अब शराबियों का अड्डा बन कर रह गया है। प्रशासनिक कर्मचारी से लेकर आम लोग रोजाना बड़ी संख्या में इस बस स्टैंड से आना जाना करते हैं और जहां यह बस स्टैंड स्थित है वहां से महज कुछ दूरी पर ही संयुक्त कार्यालय भी मौजूद है। जहां जिले के तमाम आला अधिकारी बैठते हैं बावजूद इसके अभी तक सालों से बंद पड़े इस पुलिस सहायता केंद्र के ऊपर किसी भी बड़े अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी यह अपने आप में एक सवाल है।
बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से खोला गया यह पुलिस सहायता केंद्र दोबारा कब शरू हो पाता है ।