मनोज जंगम@दंतेवाड़ा। 26 अप्रैल की सुबह ककाड़ी गांव के पास डीआरजी जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ था। इस मुठभेड़ के बाद जवानों ने मौके से मिलिशिया सदस्य लखमा कवासी और सन्ना उर्फ कोसा मंडावी को गिरफ्तार किया था। इनमें से मिलिशिया सदस्य सन्ना को जांघ और हाथ में गोली लगी थी। इसी घायल नक्सली को दंतेवाड़ा की जिला अस्पताल लेकर डीआरजी के जवान निकले हुए थे। जिसके बाद अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा डीआरजी जवानों को निशाना बनाते हुए किए गए आईईडी ब्लास्ट में 10 जवानों की मौत हो गई थी। इस पूरे घटनाक्रम में लगातार कई खुलासे हो रहे हैं। डीआरजी जवान और दंतेवाड़ा जिले के सिमाई क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति के बाद यहां पर ऑपरेशन के लिए पहुंचे हुए थे।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया समेली और करणपुर के बीच आईईडी ब्लास्ट कर नक्सलियों ने डीआरजी जवानों पर हमला कर दिया था। पुलिस ने दोनों ही घटनाओं को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली है। 26 अप्रैल की सुबह 6:30 बजे डीआरजी जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ मामले में आईपीसी और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दरभा डिवीजन कमेटी के माओवादी कैेडर जगदीश, लख्खे, लिंगे, सोमडू, महेश, हिड़मा, उमेश, देवे, नंद कुमार, लखमा, कोसा, मुकेश तथा अन्य के विरूद्व अपराध पंजीबद्व किया गया है वहीं आईईडी ब्लास्ट मामले में दरभा डिवीजन के माओवादी कैेडर चैतू, देवा, मंगतू, रनसाय, जयलाल, बामन, सोमे, राकेश, भीमा एवं अन्य के विरूद्व अपराध पंजीबद्व किया गया है।
अरनपुर थाने से ठीक 02 किमी पहले पेड़का चौक पर आईईडी ब्लास्ट करने में कामयाब हुए नक्सलियों की रणनीति पर बस्तर आईजी ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल के लिए आईडी हमले से बचना अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है। बीते दो दशकों में डेढ़ हजार से अधिक आईईडी बरामद किए गए। दंतेवाड़ा में हुई घटना में नक्सलियों ने सड़क के किनारे से सुरंग खोदकर आईईडी प्लांट किए जाने का अनुमान पुलिस लगा रही है। आईईडी सुरंग खोदकर (foxhole mechanism) सड़क के काफी नीचे लगाई गई थी। जिसके कारण डी-माईंनिंग के दौरान detect नहीं कर पाई।
फिलहाल घटना के बाद से दंतेवाड़ा के इस इलाके में लगातार पुलिस एवं सीआरपीएफ बल द्वारा सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है।