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नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बोरे बासी भोजन का आनंद, अधिकारियों और जवान रहे मौजूद, एसपी ने बताए फायदे

कबीरधाम। जिले के वनांचल नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम धुमाछापर के जंगल में नदी किनारे डॉ. लाल उमेद सिंह पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में निकली नक्सल गस्त पार्टी के दौरान 01 मई 2023 विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर पुलिस अधिकारियों एवं जवानों ने एक साथ बोरे-बासी भोजन किया। पुलिस अधीक्षक ने जवानों को बोरे-बासी भोजन के फायदे बताए। नक्सल प्रभावित ग्रामों में ग्रामवासियों से भी ली बोर-बासी भोजन के महत्व की जानकारी दी। 

जिला कबीरधाम के वनांचल अति नक्सल घोर संवेदनशील प्रभावित ग्राम धुमाछापर के आसपास क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों में अंकुश लगाये जाने डॉ. लाल उमेद सिंह पुलिस अधीक्षक कबीरधाम के मार्ग-निर्देशन एवं नेतृत्व में नक्सल गस्त पार्टी रवाना हुई है। *

ग्राम धुमाछापर वनांचल क्षेत्र जिला कबीरधाम को वह क्षेत्र जहॉ पूर्व में 31 में 2018  को पुलिस नक्सली मुठभेड़ में ईनामी नक्सली सुनील उर्फ मंगु मारा गया है।  वर्तमान समय में भी उक्त क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों की आसूचना प्राप्त हो रही हैं। जिसके मद्देनजर उक्त क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों में अंकुश लगाये जाने तथा प्राप्त सूचना की तस्दीकी करने पुलिस गस्त पार्टी रवाना हुई है। 

उक्त क्षेत्र में नक्सल गस्त के दौरान पुलिस अधीक्षक कबीरधाम द्वारा शासन के योजनाओं के मंशानुरूप नक्सलियों को आत्मसर्मपण किये जाने पाम्पलेट पोस्टर चस्पा किया गया तथा छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करते हुए क्षेत्र का नक्सल गतिविधियों से मुक्त कराने के उद्देश्य से 1 मई 2023 *‘‘ विश्व श्रमिक दिवस’’* के अवसर पर गस्त पर गये पुलिस अधिकारी डॉ. लाल उमेद सिंह पुलिस अधीक्षक कबीरधाम एवं कौशल किशोर वासनिक, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल, संजय ध्रुव उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स एवं निरीक्षक विकास बद्येल थाना प्रभारी चिल्फी, उप निरीक्षक युवराज साहू थाना प्रभारी तरेगांव जंगल, उप निरीक्षक विमल लवनिया चौकी प्रभारी बैजलपुर, सहायक उप निरीक्षक उदल मरकाम, संजीव तिवारी एवं साथी पुलिस जवानों के साथ ग्राम धुमाछापर के जंगल में नदी किनारे बोरे बासी का आनंद लिया गया।

बोरे बासी वह भोजन है, जो रात के पके चावल को रात को भिगो कर या सुबह भिगो कर खाना या सुबह के पके चावल को दोपहर में खाना। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाया जाता है’’। वैसे भी पुलिस जवान जब कभी भी नक्सल ऑपरेशन/गस्त पर जाते हैं, तो अपने साथ बोरे बासी लेकर अक्सर जाते हैं, जवानो का मानना है, कि जब कभी नक्सल ऑपरेशन में जाते है, तो शरीर को ऊर्जावान बानने तथा ताकत लाने एवं डिहाईड्रेशन से बचने के लिए बोरे-बासी भोजन का सेवन करते हैं। परंतु जब कभी भी पुलिस अधिकारियों के साथ एक साथ मिलकर भोजन करने का अवसर प्राप्त होता है, तो उनकी मनोबल में बढ़वा तथा अधिक उत्साहवर्धन प्राप्त होता है।

डॉ. लाल उमेद सिंह पुलिस अधीक्षक कबीरधाम पुलिस जवानों के साथ जिले के दुर्गंम वनांचल नक्सल अति संवेदनशील क्षेत्र में नक्सल गस्त पार्टी का नेतृत्व करते हुए साथ में एक साथ में साथी पुलिस जवानों के साथ बोरे-बासी भोजन का आनंद लेते हुए पुलिस जवानों से आपसी चर्चा करते हुए बोरे-बासी भोजन के फायदें के संबंध में बताया कि बोरे-बासी में भरपुर मात्रा में विटीमिन बी-12, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम होती है तथा इसके सेवन से पाचन क्रिया सही रहती है और शरीर में ठंडक रहती है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। गर्मी के दिनों में बोरे-बासी को खाने से यह संतुलित आहार शरीर को ठंडा रखती है। बासी खाने से होंठ नहीं फटते, इसमें पानी भरपूर होता है, जिससे गर्मी के मौसम में ठंडक मिलती लू से बचाता है, मोटापे से बचाता है, मांसपेशियों को ताकत देता है।

नक्सल प्रभावित ग्रामों में सर्चिंग गस्त के दौरान पुलिस पार्टी ने ग्रामवासियों से बोरे-बासी भोजन के महत्तव को समझा एवं उन्हें समझाया।

डॉ. लाल उमेद सिंह पुलिस अधीक्षक कबीरधाम* ने ‘‘ विश्व श्रमिक दिवस’’ के अवसर पर कहा कि *यूं तो छत्तीसगढ़ की संस्कृति अनुसार इस सुपाच्य व ऊर्जा दायक भोजन का आनंद समय-समय पर हम सभी लेते हैं, लेकिन आज विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर पुरे राज्य में एक साथ हमारी संस्कृति और विरासत को नई पीढ़ी को देते व सिखाते हुए स्वंय को गौरवान्वित महसूस किया*।

https://www.khabar36.com/sacks-of-stale-food-enjoyed-during-anti-naxal-campaign/