जयप्रकाश साहू@बलौदाबाजार। दबंगो की दबंगाई कहे या कहे न्यायालय के फरमान की अवहेलना शासकीय जमीन का अवैध तरीके से पट्टा बना कर सरपंच द्वारा बिक्री कर दिया गया। अवैध शासकीय जमीन खरीदने वाले खुद है। शासकीय मुलाजिम है। बात कर रहे है हम छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र कसडोल के ग्राम पंचायत चाटीपाली की। जहां दबंगो की दबंगाई कहे या राजनीति संरक्षण
न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी मकान निर्माण किया जा रहा। जिस पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं। जहाँ एक तरफ पीडब्ल्यूडी के एसडीओ ने मामले को संज्ञान में लेते तहसीलदार सहित एसडीएम को पत्र लिखने की बात कही।
वही एसडीएम भुपेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें हमारे द्वारा दिया जा रहा। जल्द ही कार्यवाही की जाएगी। वहीं तहसीलदार विवेक पटेल से मुलाकात नहीं हो पाया और फोन के माध्यम से बात हुई। जिस पर उन्होंने नोटिस जारी करने की बात कही है। वही वर्तमान ग्राम पंचायत चाटीपाली के सरपंच राजकुमार ने पूरे मामले से खुद को अनजान होने की बात कहते पल्ला झाड़ दिए और कैमरे में कुछ भी कहने से साफ मना कर दिए, जबकि अवैध भवन निर्माण सरपंच के घर से महज 100 मीटर के दूरी में मेन रोड में बन रहा है।
वही सरपंच की दबंगाई देखते ही बन रहा है एक तरफ शासकीय जमीन को पूर्व सरपंच जयराम कैवर्त द्वारा बेच दिया जाता है वही वर्तमान सरपंच राजकुमार पूरे मामले में पर्दा ढाकने का काम कर रहा है। पूरे मामले में कही न कही राजनीति करने की सुगबुगाहट भी झलक रही है। तभी तो न्यायालय के फरमान काम पर रोक लगाने के बाद भी काम निर्माणाधीन है और अधिकारी कभी नोटिस तो कभी अनदेखी कर न्यायालय के आदेश को भी दरकिनार करते नजर आ रहे हैं। लोगों की माने तो जिस शासकीय जमीन को खरीदा गया हैं। वो खुद शासकीय कर्मचारी है। शासकीय जमीन को बेचने वाले पूर्व सरपंच को राजनीतिक सरक्षण दिया जा रहा।
पूरे मामले में न सिर्फ एसडीएम, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ सहित तहसीलदार ने एक स्वर में तत्काल कार्यवाही की बात कही है।