रायपुर. छत्तीसगढ़ में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया गया है. इसमें जो जानकारियां सामने आई हैं, उस पर दावे-आपत्तियां मंगाई जाएंगी. इसके लिए 5 से 15 मई के बीच सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा. इन सभाओं के जरिए जो जानकारियां आई हैं, उसमें दावे-आपत्तियों ली जाएंगी. इसके बाद 15 से 18 मई के बीच इन आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा. इसके बाद एक बार फिर ग्राम सभा का आयोजन कर अनुमोदन किया जाएगा.
राज्य में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय में समीक्षा की. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण का कार्य एक अप्रैल से शुरू किया गया था. यह पूरा हो चुका है. एक से 5 मई तक अपडेशन का काम चल रहा है. इसके बाद 5 मई से 15 मई तक गांवों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर दावा-आपत्ति ली जाएंगी. इसके बाद इनका निराकरण कर फिर से ग्राम सभा में अनुमोदन कराया जाएगा.
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., पंचायत संचालक कार्तिकेय गोयल, रीपा के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की संचालक दिव्या मिश्रा उपस्थित थीं.
वाई-फाई सुविधा से लैस होंगे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क
मुख्यमंत्री ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को वाई-फाई सुविधा से लैस किया जाएगा, ताकि ये पार्क आर्थिक गतिविधियों के सक्रिय केंद्र के रूप में विकसित हो सकें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में गोबर पेंट निर्माण की कम से कम एक इकाई की स्थापना की दिशा में तेजी से कार्य करें. उन्होंने रीपा में उत्पादित सामग्रियों के संस्थागत बिक्री केंद्रों का बड़े व्यावसायिक संस्थानों के साथ मार्केट लिंकेज कराने के निर्देश दिए.
सीएम कहा कि रीपा से जुड़े हुए गौठानों को मल्टी एक्टिविटी केंद्र के रूप में विकसित किया जाए. आर्थिक गतिविधियों में पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े परिवारों के साथ ही पुरुषों की भी सहभागिता बढ़ाई जाए. ऐसा प्रयास किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके. इसी तरह उन्होंने रीपा के स्तर पर समूहों को विभिन्न व्यवसायों में कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शीघ्र पूर्ण करने व बरसात के मौसम में सभी गौठानों में छायादार और फलदार वृक्षों का रोपण करने के निर्देश दिए.