गोपाल शर्मा@जांजगीर। जिले में प्री वेडिंग शूट के दौरान छत्तीसगढ़ी परिधान और ग्रामीण लुक में दूल्हा दुल्हन का फोटो सोशल मिडिया में वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए दूल्हे की बारात निकली। बारात ऐसी जिसे देखने गली मोहल्ला नहीं बल्कि नगर के लोग उमड़ पड़े। जी हाँ छत्तीसगढ़ के प्रमुख वाहन बैल गाड़ी में पागा लगाकर दूल्हा सवार हुआ और बाजा में छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य कर्मा मंडली मांदर,झाझ मंजीरा के साथ निकला।दिन में निकली इस बारात को देखने के लिए लोगो की भीड़ लग गई और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संजोये रखने के लिए किये गए इस प्रयास की जमकर सराहना की गई।
आज मेरे यार की शादी है,जी हाँ आज एक ऐसे यार की शादी है जिसने अपनी शादी के हर रश्म को छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नाम कर दिया।
जांजगीर के पुरानी बस्ती चितर पारा में रहने वाले देवेंद्र राठौर की आज शादी है,,पेशे से इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने अपनी शादी के लिए खास तैयारी की और प्री वेडिंग शूट में छत्तीसगढ़िया अंदाज में फोटो और वीडियो शूट कराया, जिसे सोशल मिडिया में देखने के बाद लोगो की खूब सराहना मिली। इंजीनियर देवेंद्र राठौर ने इसी छत्तीसगढ़िया अंदाज को आगे बढ़ाते हुए बैलगाड़ी में बारात निकाली। जिसमे बाजा गाजा के रूप में छत्तीसगढ़ की प्रमुख वाद्य यँत्र माँदर, झाँझ, मंजिरा, के साथ कलाकार नाचते गाते हुए निकले। इतना ही नहीं बारात में शामिल परिवार की महिलाओं ने भी छत्तीसगढ़िया पहनावा को प्रथमिकता दी और हरा लुगरा के साथ कमर में करधन, हाथ में ककनी, कड़ा, पैरी पहन कर निकली और नृत्य भी की,
शादी के इस छत्तीसगढ़िया अंदाज को लेकर दूल्हा देवेंद्र राठौर का कहना हैं कि आज समाज और छत्तीसगढ़ के लोग अपनी मूल को भूलते जा रहे है,और पश्चिमी संस्कृति में रमते जा रहे है, जिसके कारण डीजे के कानफोड़ू साउंड और तामझाम में हमारी संस्कृति विलुप्त होते जा रही है, हमने परिवार के साथ चर्चा कि और छत्तीसगढ़िया अंदाज में बरात निकाल कर आज के युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचय कराने की कोशिश की है। तामझाम को दरकिनार कर छत्तीसगढ़िया परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है,, जिसके कारण आज की युवा पीढ़ी को बैल गाडी से निकले बारात देखने की मिला।