गोपाल शर्मा@जांजगीर चांपा। जिला अस्पताल में भारी भरकम सरकारी वेतन पर पदस्थ किए गए डॉक्टर कामकाज को लेकर गंभीरता दिखाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। हालात ऐसे है की उपचार कराने के लिए यहां आने वाले मरीजों को ओपीडी में डॉक्टर मिलते ही नहीं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ यहां की अव्यवस्था देखी और इस बारे में अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी। जिसके बाद मौके से नदारद 17 डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
जानकारी के मुताबिक काफी समय से जांजगीर चंपा का जिला अस्पताल कई कारणों से सुर्खियों में बना हुआ है। लगातार शिकायत होने पर भी यहां की अव्यवस्था बेहतर होने का नाम नहीं ले रही है। संसाधनों की कमी को जैसे तैसे दूर करने का काम कर लिया गया है, लेकिन अब नई समस्या यह है कि अपनी टाइमिंग में भी डॉक्टर ओपीडी में बैठने को तैयार नहीं। इसके चलते जांजगीर-चांपा नगर और आसपास के इलाके से जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। भाजपा नेताओं ने जिला अस्पताल का जायजा लेने के साथ पाया की 17 ओपीडी में डॉक्टर अपने समय पर थे ही नहीं। यहां तक कि सिविल सर्जन को भी उनके चेंबर में नहीं पाएंगे। भाजपा नेता प्रशांत सिंह ठाकुर ने बताया कि इस बारे में हमने अस्पताल प्रबंधन को अवगत कराया।
संबंधित डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी
एक साथ बड़ी संख्या में डॉक्टरों के ओपीडी से नदारद रहने का मामला अपने आप में हैरान करने वाला था। इसके प्रत्यक्ष प्रमाण भी प्राप्त हुए थे इसलिए अस्पताल प्रबंधन को बचाओ और करने के बजाय शुरुआती कार्रवाई करने की मानसिकता बनानी पड़ी। आरएमओ ने बताया कि मामला गंभीर है, इसलिए हमने संबंधित डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
गंभीरता से ड्यूटी न करना अपने आप में गंभीर मामला
आम लोगों को सहूलियत देने के लिए सरकार के द्वारा अलग-अलग कैटेगरी के हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं और वहां अच्छे वेतनमान पर डॉक्टर की पदस्थापना की जा रही है। सब कुछ बेहतर होने के बाद भी ड्यूटी करने के प्रति इच्छा नहीं होना अपने आप में गंभीर मामला है। कहां जा रहा है कि जब तक ऐसे कर्मियों पर सरकार का तंत्र उचित कार्रवाई नहीं करता है, तब तक अव्यवस्था बनी ही रहेगी।