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Go First : गो फर्स्ट को मिली बड़ी राहत, NCLT ने स्वीकार किया आवेदन

Go First NCLT Hearing: भ्यानक कर्ज संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) को बुधवार को बड़ी राहत मिल गई। एनसीएलटी (NCLT) ने दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के कंपनी के आवेदन को स्वीकार कर लिया। हालांकि एनसीएलटी ने कंपनी को इसे साथ यह हिदायत भी दी है कि वह अभी किसी भी कमर्चारी को नौकरी से नहीं निकाल सकती है।

कानूनी कार्रवाई से मिली सुरक्षा
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण यानी एनसीएलटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर और न्यायमूर्ति एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया। पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही यानी दिवाला प्रक्रिया के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा।

इसके अलावा, एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन जारी रखने के लिए कहा है तथा किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है। यह गो फर्स्ट के उन हजारों कर्मचारियों के लिए भी बड़ी राहत है, जिनके सामने अचानक बेरोजगार होने का संकट खड़ा हो गया था। गो फर्स्ट के कर्मचारियों की मौजूदा संख्या करीब 7 हजार है। कंपनी की हालत को देखते हुए इनमें से कइयों ने दूसरी नौकरी खोजने की प्रक्रिया तेज कर दी थी। खबरों में बताया गया था कि गो फर्स्ट के कई कर्मचारी एअर इंडिया की जारी भर्ती में इंटरव्यू देने गए थे।

गो फर्स्ट के ऊपर अभी इतना बकाया
गो फर्स्ट ने 17 साल पहले परिचालन की शुरुआत की थी। कंपनी के ऊपर अभी कुल 11,463 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें से कंपनी 3,856 करोड़ रुपये का भुगतान करने में डिफॉल्ट का सामना कर चुकी है। एनसीएलटी के समक्ष दायर याचिका में विमानन कंपनी ने बताया है कि उसके ऊपर विमान लीज देने वाली कंपनियों का 2,600 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं 30 अप्रैल तक फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 6,521 करोड़ रुपये बाकी थे।

https://theruralpress.in/2023/05/10/big-relief-to-go-first-nclt-accepted-the-application/