नई दिल्ली ब्यूरो. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझान ने कांग्रेस के बढ़त की ओर इशारा किया है. जो रुझान मिल रहे हैं, उसमें कांग्रेस 100 सीटों पर पहुंच गई है. हालांकि भाजपा भी पीछे-पीछे चल रही है. एक समय के लिए 113 सीटों में रुझान कांग्रेस की तरफ था. हालांकि थोड़ी ही देर में कांग्रेस और भाजपा लगभग 90-100 सीटों पर बराबर की स्थिति में आ गए. कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं और जीत के लिए 113 सीट की जरूरत है. इधर, शुरुआती रुझान को देखकर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी का बयान आया है कि 3-4 घंटे में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. कुमारस्वामी में कांग्रेस या भाजपा द्वारा संपर्क किए जाने की खबरों का खंडन किया है.
एग्जिट पोल में 5 में हंग असेंबली
कर्नाटक में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिकॉर्ड है. हालांकि मतदान के बाद जो एग्जिट पोल आया, उसमें पांच ने हंग असेंबली की ओर इशारा किया था. यानी जेडीएस को किंगमेकर बताया था. हालांकि जानकारों का कहना कि एग्जिट पोल के आधार पर यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि किसकी सरकार बनेगी. चार एग्जिट पोल में कांग्रेस की बहुमत के साथ सरकार और एक ने भाजपा की सरकार बनाई थी.
जिसकी सरकार उसकी वापसी नहीं
कर्नाटक के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो 38 सालों में कभी सरकार रिपीट नहीं हुई है. यानी जनता हर बार सत्ता की चाबी दूसरी पार्टी को सौंप देती है. हालांकि अपवाद के रूप में जनता पार्टी की सरकार ने 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में सत्ता में रहते हुए वापसी की थी. 1999 से लेकर 2018 तक पांच चुनावों में यह रिकॉर्ड रहा कि दो बार ही किसी एक पार्टी को बहुमत मिला है. तीन बार भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन बाहरी मदद से सरकार बनाई थी.