नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के जंतर-मंतर से नई संसद के सामने महापंचायत करने जा रहे पहलवानों को पुलिस ने रोक दिया जिसके बाद दोनों में तीखी नोंकझोक हुई। इस बीच नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे पहलवानों को पुलिस ने रोका है और कई पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में लिया है। इस दौरान साक्षी मलिक के साथी पहलवानों ने आरोप लगाया है कि साक्षी के साथ बदसलूकी की गई है और कपड़े फाड़े गए हैं। आंदोलन खत्म करने के सवाल पर कहा कि अब और मजबूती से आंदोलन खड़ा होगा।
क्या है पूरा मामला
सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को रोका और हिरासत में लिया क्योंकि वे जंतर मंतर पर अपने विरोध स्थल से नई संसद की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे। पहलवानों ने महिला महापंचायत का आयोजन जिस दिन करने की घोषणा की है, उसी दिन संसद के नवनिर्मित भवन का प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन हुआ है। देश भर से सांसद और गणमान्य संसद भवन परिसर में पहुंचे हैं। इसके चलते दिल्ली पुलिस ने काफी कड़ी सुरक्षा रखी है और महापंचायत की अनुमति नहीं दी है।
पहलवानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने काफी मात्रा में फोर्स बुलाई है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने बताया था, दिल्ली पुलिस का पर्याप्त इंतजाम है। हर जगह पर पुलिस बल तैनात है और बैरिकेडिंग भी की गई है।
दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के टेंट उखाड़े
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस पहलवानों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है। कई पहलवानों के टेंट को दिल्ली पुलिस ने उखाड़ दिया है। सूत्रों की मानें तो अब पहलवानों का प्रदर्शन खत्म है। धारा 144 का उल्लंघन किया गया है। अब किसी भी पहलवान या प्रदर्शकारी को धरना स्थल पर नही आने दिया जाएगा। मतलब पहलवान अब जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने नहीं लौट पाएंगे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 36 दिनों से बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहा पहलवानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा?