मुंबई। ज्यादातर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने इस फाइनेंशियल ईयर में जीडीपी ग्रोथ 5.5 से 6.3 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई है। OECD ने कहा है कि FY24 में इंडिया की ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी। World Bank ने इस फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमी की ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
RBI ने 8 जून को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इकोनॉमी की सेहत के बारे में कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी में डिमांड स्ट्रॉन्ग है, जिससे गोथ को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ रही है, जबकि शहरी इलाकों में यह पहले से ही अच्छी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही यानी जून तिमाही में GDP Growth 8 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही यानी सितंबर तिमाही में इसके 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तिमाही यह 6 फीसदी रह सकती है। आखिरी तिमाही यानी मार्च तिमाही में यह 5.7 फीसदी रहेगी।
ज्यादातर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने 5.5 से 6.3 ग्रोथ का अनुमान जताया
ज्यादातर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने इस फाइनेंशियल ईयर में जीडीपी ग्रोथ 5.5 से 6.3 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई है। OECD ने कहा है कि FY24 में इंडिया की ग्रोथ 6 फीसदी रहेगी। World Bank ने इस फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमी की ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। जेपी मॉर्गन का कहना है कि FY24 में जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। UBS ने इकोनॉमिक ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।