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सीडीओ की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, बीजेपी विधायक के आरोप झूठे साबित…असलाह बाबू ने नहीं ली थी रिश्वत

यूपी के बुलंदशहर से बीजेपी के सदर विधायक प्रदीप चौधरी द्वारा गाजियाबाद के असलाह बाबू के खिलाफ दी गई रिश्वत मांगने की शिकायत अफसरों की जांच में निराधार निकली है. अब असलाह बाबू को क्लीन चिट दे दी गई है.

दरअशल, बुलंदशहर सदर से बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी ने एक शिकायत दर्ज कराई थी कि गाज़ियाबाद के असलाह बाबू ने उनसे असलाह नवीनीकरण के नाम पर 32000 की रिश्वत ली है. प्रदीप चौधरी का परिवार गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहता है, जहां उनके और उनके परिवार के तीन शस्त्र लाइसेंस बने हुए हैं.

प्रदीप चौधरी ने बताया कि उन्हें अपनी पिस्टल, राइफल और भाई जीतपाल की पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण कराना था, जिसका कुल शुल्क 12500 रूपए है, लेकिन असलाह बाबू ने उनसे 48000 मांगे. असलाह बाबू ने कहा कि जितनी रकम मांगी जा रही है, उतनी ही देनी होगी, मजबूरी में उन्हें रकम देनी पड़ी. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना परिचय भी दिया तो भी असलाह बाबू ने कहा कि यहां सुविधा शुल्क दिए कोई काम नहीं होगा.

यह खबर जैसे ही मीडिया में सुर्खियां बनीं तो बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी ने फेसबुक पर पोस्ट करके अपना दर्द बयान किया था. बालेश्वर त्यागी, कल्याण सिंह की सरकार में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री थे और तीन बार के विधायक भी रह चुके हैं. उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की सरकार है, लेकिन जिस दिन विधायक से रिश्वत मांगी गई थी, उसी दिन उनको धरने पर बैठ जाना चाहिए था.

बालेश्वर त्यागी ने कहा कि विजिलेंस या अधिकारी के जरिए उसे गिरफ्तार करवा देना चाहिए था, पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी? विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है, जब वह स्वयं रिश्वत देगा तो जनता का प्रतिनिधि क्या करेगा? आवश्यक है तो आंदोलन करते, धरने पर बैठ जाते, चिंता इसलिए है क्योंकि विधायक ने अपने काम के लिए रिश्वत दी. विधायक का काम तो जनता की उत्पीड़न की समस्या को दूर करना होता है.

विधायक प्रदीप चौधरी ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से की तो जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक को मामले की जांच के आदेश दिए. 15 अप्रैल को विधायक ने इस मामले में शिकायत की थी, मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था. मीडिया से मामला सुर्ख़ियों में आया तो अब जांच पूरी कर दी गई है. जिसमें बताया जाता है कि असलाह बाबू को क्लीन चिट दे दी गई है.

मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया था कि जांच के क्रम में असलाह बाबू के बयान लिए गए और चालान रिपोर्ट भी मांगी गई है, जो 12500 की है उन्होंने बताया कि गन हाउस संचालक के भी लिखित बयान लिए गए हैं. जिसका कहना है कि इस मामले में कुछ गलतफहमी हुई है. राशि उनके पास रखी हुई है, जो विधायक को वापस लौटा दी जाएगी. अब मुख्य विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें विधायक के आरोप को निराधार बताया गया है और असलाह बाबू को क्लीन चिट दे दी गई है.

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