रायपुर। राजधानी के जिला अस्पताल में रात में भी किसी गर्भवती महिला को आवश्यकता पड़ने पर अब आॅपरेशन की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने आज जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की आवश्यकता पड़ने पर रात में भी आॅपरेशन कर प्रसव कराने की सुविधा शुरू करने के निर्देंश सिविल सर्जन को दिए है। उन्होंने इसके लिए आॅपरेशन थियेटर को तैयार रखने के साथ प्रशिक्षित स्वास्थ्य अमले और विशेषज्ञ डाॅक्टर की भी तैनाती करने को कहा है। कलेक्टर ने यह निर्देंश आज स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में कलेक्टर ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनांे क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की पहचान कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-मितानिनों के माध्यम से उनकी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और सोनोग्राफी आदि कराने के भी निर्देंश दिए। कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्राॅस मीटिंग हाॅल में हुई बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अबिनाश मिश्रा, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी, सहायक कलेक्टर श्री जयंत नहटा, सीएमएचओ डाॅ. मिथलेश चैधरी सहित सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारी, शासकीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक भी मौजूद रहें।
बैठक में डाॅ. भुरे ने जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत और शुरू हो चुके अधोसंरचना निर्माण संबंधी सभी कामों को समय-सीमा निर्धारित कर गुणवत्ता पूर्वक पूरा करने के निर्देंश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों में एएनएम, नर्सों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खाली पदों पर भर्ती की जानकारी भी सीएमएचओ से ली। डाॅ. भुरे ने विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में अधोसंरचना विकास के स्वीकृत कार्यों को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देंश भी दिए। उन्होंने आरंग, तोरला, दीनदयाल उपाध्याय नगर, धोन्ड्रा, डोमा, लाखौली और टेकारी में निर्माणाधीन स्वास्थ्य केन्द्रों का काम तेजी से पूरा करने के निर्देंश दिए। डाॅ. भुरे ने निर्माण कार्यों में देरी पर सीजीएमएससी अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी जताई। कलेक्टर ने पिछले दो वर्षों में स्वीकृत हुए कामों की प्रगति रिपोर्ट लेकर गहन समीक्षा करने के निर्देंश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए।