नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में तीन मई से इंटरनेट सेवा अस्थाई तौर पर बंद करने के खिलाफ दायर याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही इस मामले पर विचार कर रहा है।
मणिपुर के चोंगथम विक्टर सिंह और मायेंगबाम जेम्स की ओर से याचिका दायर की गई थी। पीठ ने उनकी ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत से पूछा कि वह उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते, जहां एक खंडपीठ इस मुद्दे पर विचार कर रही है। पीठ ने कहा कि जैसे ही वह इस मामले में नोटिस जारी करेगी, उच्च न्यायालय इस मामले पर सुनवाई बंद कर देगा।
याचिका में तर्क दिया गया था कि इंटरनेट बंद करना किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं था, क्योंकि इससे नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार और किसी भी व्यापार या व्यवसाय को जारी रखने का अधिकार प्रभावित हुआ।