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स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीजों पर पड़ रहा असर

अंकित सोनी@सूरजपुर। स्वास्थ्य सुविधाओं को आपातकालीन सेवाओं में रखा गया है, लेकिन जब इस सेवा से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल होती है, तो यह आपातकालीन सेवाएं आम आदमी के लिए जरूर मुसीबत का सबब बन जाती है। ऐसा ही कुछ इन दिनों छत्तीसगढ़ भर में देखने को मिल रहा है। जहां अपनी मांगों को लेकर इन दिनों संविदा स्वास्थ्य कर्मी और NRHM के कर्मचारी हड़ताल पर है। इस हड़ताल का सीधा असर मरीजों पर क्या पड़ रहा है। 

जब हमारी टीम को संविदा स्वास्थ्य कर्मी और एनआरएचएम के कर्मचारियों की हड़ताल के बारे में जानकारी लगी तो हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंच जिला अस्पताल सूरजपुर सहित कई स्वास्थ्य केंद्रों का जायजा लिया,, पहले तो हम सूरजपुर के जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां स्टाफ की कमी के कारण पूरी स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई नजर आई ,, हालांकि स्टाफ की कमी के बावजूद स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने की जदोजहद में जरूर जुटा हुआ है ,, लेकिन स्टाफों की हड़ताल का सीधा असर इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों पर पड़ रहा है ,,,जिसकी वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।

मरीजों को हो रही परेशानी

जहां हमे अस्पतालों में एक ओर स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को हो रही असुविधायें देखने को मिली,, जिसके बाद हमारी टीम ने धरना स्थल का रुख किया,,जहाँ बड़ी सँख्या में संविदा स्वास्थ्य कर्मी और एनआरएचएम के कर्मचारी धरना दे रहे थे,, उनका आरोप है कि सरकार ने जो घोषणा पत्र में वादे किए थे वह साडे चार साल बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं हो सके हैं,,, साथ ही उन्हें महंगाई भत्ता भी नहीं मिल रहा है जिस कारण मजबूर होकर उन्होंने अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है,,, वही यह कर्मी मरीजों को हो रही असुविधाओं के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग रहे हैं ।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों के इलाज के लिए जुटे

जारी हड़ताल के बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर मरीजों को लाभ पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए है,, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह ने इस सम्बंध में बताया कि,,, बोंडेड डॉक्टर के साथ नर्सिंग कॉलेज की ट्रेंनिग स्टूडेंट्स की सहायता से मरीजो को सुविधा मुहैया कराई जा रही है,,, वहीं वह भी मानते है कि हड़ताल से ओटी में जरूर थोड़ी समस्या आयी है ,,,स्टाफ की कमी के कारण ओपीडी में मरीजों का आना भी कम हुआ है,,,, लेकिन उनके द्वारा सभी मरीजों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है ताकि किसी मरीज को कोई परेशानी ना हो ,,,,वहीं दूरस्थ क्षेत्रों में मितानिनो को हिदायत देकर मौसमी दवाइयां लोगो तक पहुचाई जा रही है,, और ज्यादा समस्या होने पर चिकित्सा अधिकारी की सलाह लेने को कहा जा रहा है ।

हड़ताल से मरीजों को हो रही परेशानी

बहरहाल शासन और कर्मचारियों की इस आपसी लड़ाई में दोनों पक्षों का कोई नुकसान हो ना हो, लेकिन इस हड़ताल से उचित उपचार की आशा के साथ अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को कठिनाइयों का सामना जरूर करना पड़ रहा है,, जिसकी वहज से बिना उपचार पाए ही कई मरीज बैरंग घर वापस भी लौट रहे हैं,,, या फिर मजबूरी में बेहतर इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल का  रुख कर रहे हैं।

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