Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
रजवार समाज ने ऐसा क्या कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की उड़ी नींद…जानिए 

अंकित सोनी@सूरजपुर।  आगामी विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। इस चुनाव को देखते हुए समाजों ने भी अपने स्तरों पर सामाजिक बैठकें प्रारंभ कर दी है। ऐसी एक प्रांतीय बैठक रजवार समाज ने भी बुलाई थी, जिसमें उन्होंने सर्वसहमति प्रस्ताव पास कर एक बड़ा फैसला लिया है, जो इस बार के विधानसभा चुनाव में एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। इस बैठक के बाद रजवार समाज के द्वारा लिए फैसले का राजनीतिक पार्टियों पर कितना असर पड़ रहा है देखिए इस रिपोर्ट पर,,

जानकारी के मुताबिक  वैसे तो सूरजपुर जिले में तीन विधानसभा सीट है और यह तीनों सीटों में चुनावी दृष्टिकोण से जातिगत समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है,लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी भी राजनीतिक पार्टी ने परिकल्पना नहीं की थी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रजवार समाज ने बैठककर एक  ऐसा फैसला ले डाला जिसने भाजपा कांग्रेस की नींद उड़ा कर रख दी है । 

दरअसल बीते दिनों सूरजपुर  नमदगिरी गांव में रजवार समाज की एक बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर फैसला लिया गया कि, अगर उनके समाज अनुसूचित जाति कि श्रेणी में शामिल कर लिया जाता है तो होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरा समाज भाजपा के पक्ष में मतदान करेगा। वहीं ऐसा नहीं होने की स्थिति में पूरे समाज कांग्रेस पार्टी का प्रचार कर उनको समर्थन देगा,,, इस फैसले के बाद से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में खलबली मची हुई है,  क्योंकि तीनों विधानसभा सीटो में रजवार समाज के वोटरों की संख्या काफी अधिक है। वहीं जहां रजवार समाज के लोग अपने आप को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर आशा की टकटकी लगाए बैठे है, तो दूसरी ओर इस फैसले के बाद दोनों ही राजनीतिक पार्टियां एक बड़े वोट बैंक को मनाने की जद्दोजहद में जुटी हुई नजर आ रही है ।

इस बैठक के बाद भाजपा ने दांव लगाते हुए पूरा ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ते हुए कहा कि मध्य प्रदेश से विभाजित होकर जब सन 2000 में छत्तीसगढ़ बना उस समय अजित जोगी मुख्यमंत्री थे।उन्होंने अपने आपको रजवार समाज का बेटा बताकर समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की बात कही थी, लेकिन 15 सालों में डॉक्टर रमन सिंह की सरकार होने के दौरान ऐसा कोई विषय में सामने नहीं आया है। लेकिन भाजपा यह जरूर मानती है कि प्रदेश सरकार में संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े के माध्यम से यह विषय जरूर आया वहीं बड़े वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा पार्टी के नेता समाज के साथ खड़े होने की बात करते नजर आ रहे हैं ।

राजनीतिक उठापटक के दौड़ में भाजपा के कांग्रेस के ऊपर ठीकरा फोड़ने के बाद कांग्रेस भी कहां पीछे रहने वाली थी। कांग्रेस के प्रवक्ता रामकृष्ण ओझा ने कहा कि समाज ने सांस्कृतिक सामाजिक और अपने परिवेश के आधार पर अनुसूचित जाति में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। भाजपा के सरकार के समय इस पर विचार नहीं किया गया। वहीं भूपेश सरकार ने इस पर विचार किया है और रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है। पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है क्योंकि शक्तियां उन्हीं के पास है ।

इस बैठक में सामने आए फैसले के बाद दोनों ही पार्टियां अपने स्तर पर रजवार वोटरों को अभी से ही खुश करने का प्रयास कर रही हैं और कोई भी पार्टी इस मामले को लेकर टिप्पणी नही करना चाह रही है, लेकिन इतने कम समय में किसी एक जाति को ओबीसी कैटेगरी से निकालकर अनुसूचित जाति की कैटेगरी में शामिल करना सरकार के लिए भी आसान नहीं होगा। अगर  वोट बैंक के लिए किया ऐसा किया जाता है, तो निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अन्य समाजों के भी ऐसे ही फैसले सामने आ सकते हैं। 

बहरहाल अब यह देखने वाली बात होगी कि एक बड़े वोट बैंक साधने के लिए दोनों ही राजनीतिक पार्टियां क्या दावं लगाती है ।

https://khabar36.com/what-did-rajwar-samaj-say-that-both-bjp-and-congress-parties-lost-their-sleep/