Kanjahwala Anjali Accident Case: दिल्ली के कंझावला केस में गुरुवार को एक बड़ा अपडेट आया है। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने इस केस के चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कंझावला केस में अंजलि नामक एक युवती की मौत हुई थी। अंजलि की दिल्ली की सड़कों पर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था। उसका शव अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर मिला था। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि छानबीन के बाद चार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अब रोहिणी कोर्ट ने इस चारों के खिलाफ कत्ल की धारा के तहत चार्ज फ्रेम किए है। अदालत ने यह माना कि अंजलि की मौत के समय ये चारों कार में मौजूद थे। अदालत 14 अगस्त को औपचारिक आरोप सुनाएगी।
कंझावला हिट एंड ड्रैग केस में रोहिणी कोर्ट ने आरोपी मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 212 (अपराधी को शरण देना), 120B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए। न्यायालय द्वारा अभियुक्त दीपक, आशुतोष एवं अंकुश पर 201, 212, 182, 34 IPC का आरोप लगाया गया। इन तीनों को IPC की धारा 120B से बरी कर दिया गया है। अमित पर लापरवाही से गाड़ी चलाने की धारा लगाई गई है। अदालत 14 अगस्त को औपचारिक आरोप सुनाएगी।
1 जनवरी 2023 को मिली थी अंजलि की लाश
मालूम हो कि साल के पहले दिन एक जनवरी को यह मामला सामने आया था। एक जनवरी की सुबह 20 साल की अंजलि सिंह नामक लड़की की लाश सड़क पर मिली थी। स्कूटी सवार अंजलि सिंह को बलेनो कारसवार ने टक्कर मार दी थी। इस टक्कर के बाद अंजलि कार में फंस गई थी। जिसके बाद अंजलि को दिल्ली की सड़कों पर करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था।
12 किमी तक घसीटी गई थी अंजलि
यह घटना उस रात की थी, जिस दिन पूरा देश नए साल की खुशियां मना रहा था। अंजलि की लाश मिलने के बाद कई तरह की चर्चाएं हुई। रेप की अफवाह भी उड़ी। लेकिन बाद में पुलिस ने जांच में बताया कि 31 दिसंबर की रात अंजलि अपने एक दोस्त के साथ घर लौट रही थी, उसी दौरान बीच रास्ते में उसकी स्कूटी की टक्कर कार से हो गई। टक्कर के बाद अंजिल की दोस्त दूसरी ओर तो अंजलि कार के नीचे फंस गई। फिर उसे 12 किमी तक घसीटा गया था।
गुरुवार को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में सत्र न्यायाधीश नीरज गौड़ ने इस केस के चार आरोपियों पर हत्या का केस चलाने का निर्देश दिया था। मालूम हो कि इस केस में अप्रैल में दिल्ली पुलिस ने 800 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी, साथ ही 117 गवाहों से पूछताछ भी की गई थी। इस घटना ने व्यापक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कवरेज हासिल की थी। दिल्ली में महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन हुए थे।