नई दिल्ली। भारत का नाम अब दुनिया के उन चार देशों में जुड़ गया है, जो सॉफ्ट लैंडिंग में एक्सपर्ट हैं. पिछली बार चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. तब भारत को बहुत मायूसी हाथ लगी थी. अब चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से विश्व को चांद से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलेंगे.
पिछली बार चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. तब भारत को बहुत मायूसी हाथ लगी थी, लेकिन इस बार तगड़ी तैयारी की गई थी और नतीजा सफलता के रूप में हासिल हुआ है. ISRO ने चांद पर परचम लहरा दिया है. Chandrayaan-3 ने चांद की सतह पर अपने कदम रख दिए हैं.
अब मिलेंगे चांद से जुड़े सवालों के जवाब
अब पूरे विश्व को चांद से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलेंगे. क्योंकि दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क अमेरिका चांद तक पहुंच गया, लेकिन चांद का रहस्य सुलझाने में नाकाम रहा. रूस चांद तक तो पहुंच गया, लेकिन चंद्रमा पर जीवन की संभावना है या नहीं? इस सवाल का जवाब तलाश नहीं सका. चांद पर चीन का अंतरिक्ष यान भी लैंड हुआ, लेकिन चांद की पहेली सुलझ नहीं सकी.
चंद्रयान-3 ने लहराया चांद पर परचम, देखें…
भले ही भारत का चंद्रयान लैंडिंग के वक्त फेल हो गया, लेकिन भारत के मिशन से दुनिया को पहली बार पता चला कि चांद पर पानी मौजूद है. इससे पहले चांद पर पानी की संभावनाओं को नासा सिरे से नकार चुका था. अब पूरी दुनिया की नजरें भारत के चंद्रयान-3 पर हैं. 23 अगस्त पर चंद्रयान-3 की हुई सफल लैंडिंग का मतलब है- चांद को लेकर इंसानी दिमाग में चल रहे एक-एक सवाल का जवाब मिलने की उम्मीद है.