रायपुर। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस किया। जिसमें उन्होंने कहा कि मैं यहां औचक निरीक्षण के लिए आया था। केंद्र सरकार के पास कई शिकायत आई थी। 24 से 27 जुलाई को एक उच्च स्तरीय टीम राज्य में भेजी गई। टीम ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार खाद्यों सुरक्षा नहीं दे पा रही है। गरीबों को जो मुफ्त अनाज केंद्र सरकार भेजती है, उस पर राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से नहीं निभा पा रही है।
13 सितंबर तक स्थिति ये है कि राज्य सरकार अब तक सिर्फ 53 लाख टन चावल केंद्र को दे पाई है,जबकि 58 लाख टन चावल देने की बात राज्य सरकार नहीं कही थी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार चुनावी साल में चावल में बड़ा घोटाला करने जा रही है। ग़रीबो को चावल देने में अड़चन ना आए इसके लिए मोदी सरकार प्लानिंग करती है। 61 लाख टन चावल देने की बात राज्य सरकार ने की लेकिन 53 ही आए। राज्य सरकार की पिछले वर्ष की परफार्मेस ख़राब चल रही है।ये चुनिंदा उद्योगपतियों को फ़ायदा पहुँचा रहे हैं। राज्य सरकार जानता को भ्रमित कर रही है यह कहकर कि 86 लाख लेना चाहते है लेकिन केंद्र ले नहीं रही है।
राज्य सरकार जितना चावल देगी हम शत प्रतिशत ख़रीदेंगे। मोदी सरकार आने के बाद हमने 800 रुपए एमएसपी बढ़ाया। केंद्र सरकार राज्य को खाद्य को पहुँचाती है जिसके बाद किसानों को मिलता है। हमारी मंशा नहीं है किसानों को भ्रमित करे जैसा मुख्यमंत्री कर रहे हैं। हारने के लिए तैयार है हार सामने दिख रही है ऐसे समय में किसानों को झूठ न बोले। छत्तीसगढ़ के किसान बात को समझते है उनको प्रधानमंत्री पर विश्वास है। मुख्यमंत्री को किसानों और जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए। मुख्यमंत्री को अनुरोध करूँगा पिछले साल का 61 लाख दे। 100 लाख टन भी भेजेंगे तो हम उसे लेंगे। मुख्यमंत्री चुनावी हार को देखते हुए झूठ बोलकर दामन को बचाना चाह रहे हैं।
राइस मिल के निरीक्षण के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों को दिये निर्देश,उच्च स्तरीय टीम राइस मिलों की जाँच करेंगी। प्रति क्विंटल 67 किलो चावल के बदले 54 किलो चावल दी जाती है यह एक बड़ी गड़बड़ी है। जिसकी टीम जाँच करेगी। धान खरीदी शत-प्रतिशत केंद्र सरकार के पैसे से राज्य सरकार करती है। किसानों को पूरा पैसा केंद्र सरकार देती है।
राज्य सरकार एक रुपया धान खरीदी पर नहीं देती है,राज्य सरकार पूरी तरह से खरीदी के नाम पर झूठ बोल रही है। राज्य के अधिकारियों को इस झूठ पर मुकदमा दर्ज कराना चाहिए।