नई दिल्ली। भारत में आए दिन कुत्तों से काटे जाने के मामले सामने आते रहते हैं। जिसके चलते हर दिन कई लोगों की मौत हो जाती है। सरकार आवारा कुत्तों से होने वाली मौतों के आंकड़ों को कम करने के लिए उपाय कर रही है, लेकिन फिर भी इसमें ज्यादा बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है।
वहीं, हमारे पड़ोसी देश भूटान (Bhutan) ने इस मामले में कामयाबी पा ली है। कुत्तों के कटाने से होने वाली रेबीज की बीमारी और उनकी जनसंख्या को नियंत्रित करने के मामले में भूटान ने सफलता पा ली है। रिपोर्ट के अनुसार, भूटान ने सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी करने के मामले में दुनिया में पहला देश बन गया है।
भूटान ने की 1.5 लाख आवारा कुत्तों की नसंबदी
भूटान आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए 14 साल से कुत्तों की नसबंदी करने का अभियान चल रहा था। भूटान ने खुद को दुनिया का पहला देश घोषित किया है जिसने अपने सभी आवारा कुत्तों की आबादी को पूरी तरह से स्टरलाइज और टीकाकरण किया है। इसके लिए ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई) ने भूटान की मदद की। भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने राष्ट्रीय कुत्ता जनसंख्या प्रबंधन और रेबीज नियंत्रण परियोजना के पूरा होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि परियोजना की स्थापना के बाद से 150,000 से अधिक कुत्तों की सफलतापूर्वक नसबंदी और टीकाकरण किया है।
एशिया में 30 करोड़ आवारा कुत्ते
बता दें कि 2009 में शुरू हुई इस परियोजना में 32,000 पालतू कुत्तों को माइक्रोचिप लगाना भी शामिल था। एचएसआई के एक प्रेस बयान में कहा गया है कि पूरे एशिया में लगभग 30 करोड़ आवारा कुत्ते हैं जो भुखमरी, पैरासिटिक इन्फेक्शन, अनुपचारित बीमारियों, सड़क यातायात दुर्घटनाओं से चोटों और संक्रामक कैंसर से जूझ रहे हैं। ये कुत्ते अक्सर सीधे उत्पीड़न और अमानवीय हत्या का शिकार होते हैं। भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक छोटा कदम लग सकता है, लेकिन यह राष्ट्र निर्माण में काफी मदद करेगा। इस कामयाबी को हजारों वॉलिंटियर्स बिना हासिल नहीं किया जा सकता था।
भूटान के पीएम ने आगे कहा कि यदि प्रभावी नसबंदी और टीकाकरण नहीं किया जाता है, तो आवारा कुत्तों की आबादी बढ़ जाती है, जिससे कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं और रेबीज फैल जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 59,000 लोग रेबीज से मरते हैं, और मनुष्यों में रेबीज के अधिकांश मामले कुत्ते के काटने का परिणाम होते हैं।
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