छठ का महापर्व सूर्य देव की अराधना का पर्व होता है. यह उत्तर भारत के लोगों के लिए बहुत खास होता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. छठ पूजा के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. छठ पूजा देश का एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस पर्व की शुरुआत नहाय खास से शुरु हो चुकी है. छठ पूजा को लेकर बहुत सी परंपराएं और बहुत सी मान्यताएं जो इस पर्व को और खास बना देती हैं.
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का पर्व संतान की लंबी उम्र और उज्जवल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है. छठ पूजा का व्रत रखना बेहद ही कठिन होता है क्योंकि इस व्रत के नियम भी बहुत कठिन होते हैं, जिनका पालन करने पर ही यह व्रत पूरा होता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाए तो छठी मैया नाराज हो सकती हैं. तो चलिए जानते हैं कि इन नियमों में क्या-क्या खास है और कौन सी ऐसी बातें हैं, जो आपको छठ पर्व के दौरान ध्यान रखनी चाहिए.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब महाराज पांडू किंदम ऋृषि का हत्या का प्रायश्चित करने अपनी पत्नी कुंती के साथ वन में घूम रहे थे, तब पुत्र प्राप्ति की इच्छा से उन्होंने रानी कुंती के साथ मिलकर सरस्वती नदी में सूर्य की अराधना की थी. इससे कुंती के पुत्र की प्राप्ति हुई. इसलिए छठ पर्व का बहुत महत्व बताया जाता है. इन चार दिनों के दौरान पूरे अनुष्ठान के साथ सूर्यदेव की अराधना करने और पूरे नियमों के साथ व्रत करने पर संतान सुख प्राप्त होता है और पति की जीवन में तरक्की के योग बनते हैं.
छठ पूजा में न करें ये गलतियां
छठ पर्व में कुछ बर्तनों का बहुत महत्व होता है जिनके इस्तेमाल के बिना छठ पर्व अधूरा होता है.
छठ पूजा के दौरान मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है. इस पर्व के दौरान प्लास्टिक के बर्तनों का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
छठ पर्व के दौरान व्रती महिलाओं और घर के अन्य सदस्यों को भी लहसुन प्याज आदि का सेवन करना वर्जित बताया गया है.
छठ पर्व के चारों दिन तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. ऐसा करने से छठी मैया नाराज हो सकती हैं.
इस पवित्र पर्व के दौरान व्रती महिलाओं को बिना सूर्यदेव को अर्घ्य दिए कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए.
छठ पर्व के दौरान पूजा का प्रसाद बेहद पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे बनाते समय झूठा नहीं करना चाहिए.
छठ पर्व के दौरान साफ सफाई का खास ख्यान रखना चाहिए. साथ ही किसी भी चीज और पूजा सामग्री को बिना हाथ धोए नहीं छूना चाहिए.