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सिम्स में बढ़ता हुआ सर्विलेंस का दायरा, सुरक्षित हाथों से मरीजों का इलाज

बिलासपुर। सिम्स अस्पताल आज में सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं विश्व स्वास्थ संगठन की बिलासपुर यूनिट के द्वारा वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज एवं ऐइएफआई सर्विलेंस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में टीके से जुड़ी भ्रांतियां एवं उसके फायदे के बारे में बताया गया, जिसमे सिम्स के चिकित्सक एवं डब्लूएचओ के विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। इस मौके पर सिम्स के डीन डॉक्टर के.क.े सहारे, चिकित्सा अधीक्षक, जिला टीकाकरण अधिकारी, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. गायत्री बंाधी सहित सिम्स अस्पताल के सभी चिकित्सक मौजूद थे। इस मौके पर सिम्स में अध्यनरत एमबीबीएस, एमडी एवं एमएस के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया।
डीन डॉक्टर के.के. सहारे ने बताया कि सिम्स में समय समय पर इस तरह के कार्यशाला का आयोजन किया जाता है एवं भविष्य में आगे भी किया जाएगा। जिससे यहां काम करने वाले डॉक्टरों और पढ़ने वाले छात्रों को चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ी नईं तकनीक से अवगत कराया जा सके जिससे यहां आने वाले मरीजों को फायदा हो।
सिम्स पीडिया विभाग में वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज की लगातार कुशल रिपोर्टिंग एवं मॉनिटरिंग के लिए पीडिया विभाग की डॉक्टर पूनम अग्रवाल को इस मौके पर सम्मानित किया गया। सिम्स में 2022 में एएफपी, फीवर, रैश, डीपीटी के क्रमश 4,0,0 केस रिपोर्ट हुए थे जो कि 2023 में बढ़ कर 7,8,2 केसेस रिपोर्ट किए गए। सामुदायिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक शर्मा ने टीके से जुड़ी भ्रांतियां एवं फायदों के बारे में बताया।

टीके से जुड़ी भ्रांतियां-
टीका लगने से शरीर कमजोर होता है, बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते है, टीका लगने से लगने वाले जगह पर गठान हो जाता है एवं बच्चे की मौत हो जाती है।

टीके के फायदे-

टीका पूरी तरह से सुरक्षित होता है, जिसके निर्माण में बहुत ही सावधानी बरती जाती है।
टीका लगने से बच्चों को भविष्य में गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। टीके के वजह से ही यह
संभव हो पाया है की पोलियो जैसी खतरनाक बीमारी भारत से विलुप्त हो सकी है।

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