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मृतक की माँ किस प्रक्रिया के तहत अँतिम सँस्कार के लिए ले जाईं गईं थी . . ?

नेशन अलर्ट/9770656789
कवर्धा/रायपुर.

लोहारडीह का अग्नि काँड़ नित नए विवाद पैदा कर रहा है. राज्य महिला आयोग अध्यक्ष की महिला कैदियों से भेंट के बाद एक नया विवाद खडा़ होता नज़र आ रहा है.

दरअसल, महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक की सक्रियता से मामले में अभी कई नए मोड़ आने सँभावित हैं. ज्ञात हो कि, श्रीमती नायक ने शनिवार को ही लोहारीडीह काँड़ की कथित आरोपी महिलाओं से जेल में भेंट की थी.

चूँकि कवर्धा में महिला कैदियों को रखने जेल की व्यवस्था नहीं है इस कारण दुर्ग जेल महिलाएँ भेजी गई थी. अधिकृत जानकारी के मुताबिक लोहारीडीह मामले में कुलजमा 33 महिलाएँ इन दिनों जेल में हैं.

30 के शरीर पर चोट के निशान . . .

श्रीमती नायक ने शुक्रवार शाम ही अपना दौरा तय कर लिया था. इसकी बकायदा सूचना सँबंधित अधिकारियों को दे दी गई थी. इस सक्रियता से भी शासन-प्रशासन दबाव में नज़र आया.

यदि ऐसा नहीं था तो फिर क्यूं प्रदेश के गृहमंत्री आनन फानन में कथित तौर पर आरोपी महिलाओं से मिलने जेल पहुँचे थे ? सुबह गृहमंत्री ने तो दोपहर बाद महिला आयोग अध्यक्ष से भेंट ने इन महिलाओं का “महत्व” समझा दिया है.

बताया जाता है कि लोहारीडीह काँड़ के चलते कुल 33 महिलाएँ इन दिनों जेल में हैं. गृहमंत्री जहाँ इन्हें अपना मोबाइल नंबर देकर आने की बात बता रहे हैं तो वहीं अध्यक्ष श्रीमती नायक की बताई हुईं बातें नए सवाल खडे़ किए जा रही है.

नायक ने अपनी भेंट का हवाला देते हुए बताया है कि कुलजमा 33 में से 30 महिलाओं के शरीर पर चोट के निशान हैं. बेहरमी से पिटाई का उल्लेख करते हुए वह बताती हैं कि इनमें कई चोटें बेहद गँभीर है.

श्रीमती नायक ने दुर्ग जेल में बँद इन महिलाओं के साथ व्यक्तिगत बातचीत भी की है. महिलाओं के साथ नायक की यह बातचीत अलग कमरे में हुई बताई जाती है.

महिलाओं के द्वारा इस दौरान अपने कपडे़ हटाकर चोट के निशान दिखाए जाने का उल्लेख महिला आयोग अध्यक्ष कर रही हैं. यह सबकुछ श्रीमती नायक और महिलाओं की पृथक कमरे में हुई भेंट के समय का घटनाक्रम बताया जाता है.

कभी राजधानी रायपुर की महापौर रहीं किरणमयी नायक वैसे भी अपने तीखे तेवरों के कारण जानी जाती हैं. वे बताती हैं कि कई महिलाओं के शरीर पर चोट बता रही है कि उनके साथ में कितनी बर्बरता की गई है.

श्रीमती नायक की भेंट के बाद पता चला कि जेल में बँद महिलाओं में से कई एक ही परिवार की हैं. जबकि कुछेक को आपस में देवरानी जेठानी बताया जा रहा है.

जेल में महिलाओं से मिलकर आईं श्रीमती किरणमयी नायक कहती हैं कि घटना के बाद घरों में घुसकर कई निर्दोष महिलाओं को मारा गया. थाने लाकर भी उनसे मारपीट की गई है.

उन्होंने कहा कि एक महिला को गिरफ्तार कर जेल में लाया गया. फिर बेटे की मौत के बाद उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था. यह किस प्रक्रिया के तहत हुआ इसे जानने की जरूरत है.

बहरहाल, आईयूसीएडब्ल्यू प्रभारी पद्मश्री तंवर और दुर्ग तहसीलदार क्षमा यदु श्रीमती नायक के साथ जेल पहुँची थी. इनके अतिरिक्त एक शासकीय चिकित्सक भी उपलब्ध करवाया गया था. भेंट के बाद अब नायक कहती हैं कि अपनी जांच रपट राज्यपाल सहित प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को वह सौंपने जा रही हैं. मतलब साफ है कि विवाद अभी थमा नहीं है.

“दो चार दिनों के भीतर रपट तैयार कर राज्यपाल और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेज दी जाएगी. इसके बाद रपट को मीडिया को उपलब्ध करवाया जाएगा.”

  • श्रीमती किरणमयी नायक
    अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग छत्तीसगढ़
    रायपुर.
http://www.nationalert.in/?p=14557