दीवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाने वाली यह पावन तिथि इस बार 31 अक्टूबर के दिन है। इस दिन दीप जलाकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। पूजा के दौरान भोग का विशेष महत्व होता है। तो क्यों न इस दीवाली (Diwali 2024) आप भी हलवाई की दुकान से कुछ लाने के बजाय देवी-देवताओं को के लिए घर पर ही मोतीचूर के स्वादिष्ट लड्डू तैयार कर लें? आइए आपको बताते हैं इस स्पेशल भोग को बनाने की आसान रेसिपी।
बेसन- 1 कप
देसी घी- तलने के लिए पर्याप्त
पानी- जरूरत के मुताबिक (बैटर बनाने के लिए)
चीनी- 1.5 कप
पानी- 1 कप
इलायची पाउडर- एक चुटकी
कटे हुए बादाम या पिस्ता
सबसे पहले एक बड़े बर्तन में बेसन लें और धीरे-धीरे पानी डालकर गाढ़ा बैटर बना लें। बैटर न तो बहुत गाढ़ा होना चाहिए और न ही बहुत पतला।
इसके बाद एक कढ़ाई में देसी घी गरम करें और फिर एक छोटे छेद वाली छलनी या बूंदी बनाने वाले बर्तन की मदद से बैटर को धीरे-धीरे गरम तेल में डालें और बूंदी सुनहरा भूरा होने तक तल लें।
अब एक प्लेट में तली हुई बूंदी को निकालकर रखते जाएं।
एक पैन में चीनी और पानी डालकर मीडियम आंच पर उबाल लें। जब चाशनी एक तार की हो जाए तो इसमें इलायची पाउडर डालें।
चाशनी की जांच करने के लिए एक छोटी प्लेट में थोड़ी सी चाशनी लें और इसे ठंडा होने दें। अगर चाशनी एक धागे की तरह खिंच जाए तो यह एकदम सही है।
तली हुई बूंदी को गरम चाशनी में डालें और अच्छी तरह मिलाएं। ध्यान रखें कि बूंदी पूरी तरह से चाशनी में भीग जाए।
जब मिश्रण ठंडा हो जाए तो हाथों में थोड़ा सा घी लगाकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
आप चाहें तो लड्डूओं को कटे हुए बादाम या पिस्ता से सजा सकते हैं।
इसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी को इन लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद के तौर पर इन्हें ग्रहण करें।
बूंदी को बहुत ज्यादा तलें नहीं, नहीं तो यह कड़वी हो जाएगी।
चाशनी को बहुत गाढ़ी न बनाएं, नहीं तो लड्डू सख्त हो जाएंगे।
लड्डू बनाने के लिए आप किसी भी तरह के मेवे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
लड्डूओं को स्टोर करना चाहते हैं, तो इन्हें एक एयरटाइट कंटेनर में रखें।
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