चरखी-दादरी में वीरवार को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। प्रदूषण का औसतन स्तर 333 एक्यूआई रहा जबकि अधिकतम स्तर 500 एक्यूआई तक भी पहुंच गया। वहीं, एकाएक बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त मुनीश शर्मा ने जिलावासियों से एडवाइजरी अनुसार सावधानी बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत बाहरी वायु प्रदूषण (परिवेशी वायु प्रदूषण), मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन (जीवाश्म ईंधन जलने, प्रक्रिया और फ्यूजिटिव उत्सर्जन), वाहनों का एमिशन, सड़क पर उड़ने वाली धूल, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, प्राकृतिक स्रोतों से उत्पन्न प्रदूषण, कूड़ा जलाना (कूड़ा, हॉर्टिकल्चर वेस्ट, फसल अवशेष), खाना पकाने और आतिशबाजी के लिए ठोस ईंधन का उपयोग वायु प्रदूषण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण है। इसके लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
उपायुक्त ने कहा कि वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों पर होता है। अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों (हृदय संबंधी समस्याओं) वाले रोगियों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अधिक सावधान रहना चाहिए और वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना चाहिए। वायु प्रदूषण एक प्रमुख पर्यावरणीय खतरा है जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
वायु प्रदूषण से निमोनिया, अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) सहित तीव्र और दीर्घकालिक श्वसन संबंधी रोग हो सकते हैं। वायु प्रदूषण से इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक हो सकता है। वायु प्रदूषण से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। वायु प्रदूषण से संज्ञानात्मक हानि और मनोभ्रंश हो सकता है। वायु प्रदूषण से समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन का जोखिम बढ़ सकता है। वायु प्रदूषण से मृत जन्म और गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है।
151-200 एक्यूआई स्तर सेहत को प्रभावित करता है जिसे लाल रंग से दर्शाया जाता है।
201-300 एक्यूआई स्तर सेहत के लिए बहुत खराब होता है जिसे बैंगनी रंग से दर्शाया जाता है।
301-500 एक्यूआई स्तर हेल्थ इमरजेंसी है जिसे मैरून रंग में दर्शाया जाता है।
राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी ने बताया कि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को खुद से बचाने के लिए सावधानियां रखें। उच्च वायु प्रदूषण वाले स्थानों पर जाने से बचें जैसे धीमी और भारी यातायात वाली सड़कें, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग, निर्माण स्थलों आदि के पास के क्षेत्र में जाने से बचें।
गंभीर एक्यूआई वाले दिनों में सुबह और देर शाम को खुली हवा में टहलने, दौड़ने एवं शारीरिक व्यायाम करने से बचें। सिगरेट, बीड़ी आदि न पीएं। बंद परिसर में मच्छर मारने वाली काॅइल और अगरबत्ती जलाने से बचें। पटाखें न जलाएं।
ऐसे करें बचाव
आंखों को नियमित रूप से स्वच्छ पानी से धोएं, गुनगुने पानी से नियमित गरारे करें, सार्वजनिक परिवहन या कार पूल का प्रयोग करें, घरों व कार्य स्थलों के अंदर झाडू लगाने के बजाय गीला पोछा लगाएं, सांस फूलने, सीने में तकलीफ या दर्द, खांसी, आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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