IAS Nidhi Singh News: मध्यप्रदेश की एक आईएएस की अधिकारी को नेताओं की नाराजगी का शिकार होना पड़ा है. महिला आईएएस निधि सिंह को नगर निगम से हटाकर ग्वालियर भेज दिया गया है.
आईएएस निधि सिंह मध्यप्रदेश कैडर की 2019 बैच की आईएएस है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के नोएडा की रहने वाली है। इंजीनियरिंग करने के बाद सेकंड अटेम्प्ट में आईएएस बनी है। प्रथम प्रयास में उनका चयन आईआरएस के लिए हुआ था। जिसमें उन्होंने 3 साल नौकरी की। उज्जैन के बड़नगर में पोस्टिंग के दौरान पूर्व विधायक से भिड़ंत कर चर्चाओं में आईं थीं। नगर निगम में भाजपा – कांग्रेस नेताओं से विवाद के बाद पहले उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव 13 दिसंबर को पारित किया गया था और अब सिंगल आदेश में उनका तबादला ग्वालियर में संयुक्त आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के पद पर कर दिया गया है। सिंगल आदेश में ट्रांसफर होने पर नेताओं से भिड़ंत के चलते ट्रांसफर मान चर्चाओं में एक बार फिर आईएएस निधि सिंह आ गईं हैं। आईए जानते हैं उनके बारे में…
जन्म और शिक्षा
आईएएस निधि सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। मूलतः वे उत्तर प्रदेश के नोएडा की रहने वाली है। उनका जन्म नोएडा में 9 नवंबर सन 1987 को हुआ है। जीबीटीयू लखनऊ, उत्तर प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से उन्होंने बीटेक किया है। निधि सिंह ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। फर्स्ट अटेम्प्ट में निधि सिंह का आईआरएस में चयन हुआ। भारतीय राजस्व सेवा में उन्हें आयकर विभाग मिला। दिसंबर 2016 से अप्रैल 2019 तक उन्होंने आयकर विभाग में नागपुर जोन में सहायक आयुक्त आयकर विभाग के पद पर नौकरी की। 2018 यूपीएससी में उन्होंने 289 वीं रैंक के साथ एग्जाम क्रैक किया और आईपीएस के लिए चुनी गई।
प्रोफेशनल कैरियर
2018 यूपीएससी में चयन के बाद निधि सिंह को आईएएस 2019 बैच मिला और मध्य प्रदेश कैडर एलॉट हुआ। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात फील्ड ट्रेनिंग के लिए मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में प्रोबेशनर आईएएस के तौर पर कार्य किया। इसके बाद जुलाई 2021 में उज्जैन जिले के बड़नगर अनुविभाग में एसडीएम के तौर पर नियुक्त हुईं।
बड़नगर अनुविभाग के बंगरेड गांव के ग्रामीणों ने उनसे मिलकर शिकायत की थी कि बारिश के बाद खेतों से आ रहे पानी को कई लोगों ने जगह-जगह रोक दिया है। जिसके वजह से गांव घर में जलभराव की समस्या हो गई है। कई लोगों ने अपने घरों के सामने से गंदे पानी की नाली को जाम कर दिया है जिससे जल जनित बीमारियों की भी आशंका बढ़ गई है। शिकायत मिलने के बाद निधि सिंह जेसीबी लेकर अवरोध को हटवाने पहुंची थी। जिसका विरोध पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई अपने समर्थकों के साथ करने पहुंचे थे। पर निधि सिंह ने उनकी एक नहीं सुनी और कार्यवाही जारी रखी। काम रोकने के लिए कहने पर निधि सिंह ने काम रोकने से मना कर दिया। दोनों के बीच विवाद शुरू हो गई। इसके बाद निधि सिंह ने पूर्व विधायक को जमकर हरकाया और कहा कि तू कौन होता है मुझे यह पूछने वाला कि मैं कितने दिन नौकरी करूंगी?, आगे उन्होंने कहा कि तू नौकरी से निकलवाने वाला कौन होता है हिम्मत है तो नौकरी से निकलवा कर दिखाओ इसके साथ ही पूर्व विधायक को दफा होने के लिए भी निधि सिंह ने कह दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसके बाद वह चर्चाओं में आ गई थी।
निधि सिंह वर्तमान में अपर आयुक्त नगर पालिका निगम भोपाल के पद पर पदस्थ थीं। आयुक्त के बाद वह सीनियरिटी में सबसे ऊपर थीं। उनके पास राजस्व, संपत्ति कर, जनसंपर्क, जल कार्य, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड जैसे कई प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी थी।
उन पर आरोप था कि वह जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनती और उनका फोन नहीं उठाती। भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने फाइलें अटकाने की भी उनकी शिकायत की थी। भाजपा कांग्रेस पार्षदों को तवज्जो नहीं देने पर निधि सिंह ने कहा था कि वह हर काम को नियमानुसार ही करती है किसी के दबाव में नहीं।
बीते हुए 13 दिसंबर को भोपाल नगर निगम के भाजपा–कांग्रेस के पार्षदों ने परिषद की बैठक में मीटिंग कर संयुक्त रूप से आईएएस निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद कल मंगलवार को सिंगल आदेश में उनका तबादला ग्वालियर में संयुक्त आयुक्त भू अभिलेख एवं बंदोबस्त के पद पर कर दिया गया। उनके तबादले को राजनैतिक कारणों और भाजपा कांग्रेस–नेताओं तथा पार्षदों के विरोध से जोड़कर देखा जा रहा है। संयुक्त आयुक्त के तौर पर उनका पद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के समकक्षीय होगा।