12, March, 2025 | रायपुर | Chhattisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का मुद्दा गरमा गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने आरोप लगाया कि इस परियोजना में कई लोग मिलीभगत कर गड़बड़ी कर रहे हैं, और उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की। हालांकि, विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने मामले की जांच आयुक्त से कराने की घोषणा की, जिसके बाद विपक्ष असंतुष्ट हो गया और वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष की सीबीआई जांच की मांग
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि भारतमाला परियोजना में बड़ी गड़बड़ी हो रही है और इसमें राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने सीबीआई से जांच की मांग की, ताकि पूरे मामले का सत्य सामने आ सके। उनका कहना था कि सरकार को जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजना चाहिए क्योंकि निलंबन की प्रक्रिया से दोषी जल्दी बच जाते हैं।
राजस्व मंत्री का बयान
वहीं, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी की बात स्वीकार करते हुए कहा कि अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया और अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिला और इस मामले में डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, और पटवारी पर कार्रवाई की गई है।
विपक्ष का विरोध और वॉकआउट
मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग पर जोर दिया और विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया। डॉ. चरण दास महंत ने उच्च न्यायालय जाने की बात की और कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भरोसा दिलाया कि जांच में कोई भी हीलाहवाला नहीं किया जाएगा।
सत्तापक्ष का कटाक्ष
वहीं, सत्तापक्ष के विधायक रिकेश सेन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग सीबीआई को बैन करते थे और ईडी पर विश्वास नहीं करते थे, वे अब जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने जांच के दायरे पर सवाल उठाए, जिस पर मंत्री ने कहा कि आयुक्त से विस्तृत जांच कराई जाएगी।
इस प्रकार, भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी पर विपक्ष का हंगामा और सीबीआई जांच की मांग के बाद सदन में गतिरोध बढ़ गया और विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।