नई दिल्ली : आज का युग तकनीकी यानी टेक्नोलॉजी का युग है। टेक्नोलॉजी के बेस पर ही किसी भी देश की तरक्की भी निर्भर करती है। रक्षा क्षेत्र हो या अर्थ जगत टेक्नोलॉजी का प्रभाव साफ देखने को मिल रहा है। आधुनिक टेक्नोलॉजी का ही अगला रूप है आर्टिफिशइयल इंटेलिजेंस ( एआई ) माना जा रहा है कि आने वाला समय एआई का होने वाला है। देश के हर सेक्टर में हाई टेक्नोलॉजी से लैस ह्यूमन रोबोट बिल्कुल आज के इंसान की तरह, बल्कि कई मामलों में इंसान से बेहतर काम को अंजाम देते नजर आएंगे। हालांकि अमेरिका, जापान, चीन और जर्मनी आदि देशों में तो एआई की सेवाएं चलन में आ गई हैं और भारत में इसके उदाहरण देखने को मिलने लगे हैं।
पिछले कई महीनों से टेक सेक्टर में जॉब्स को लेकर काफी उथल-पुथल जैसी स्थिति देखने को मिल रही है, यही नहीं जब से चैटजीपीटी, बार्ग जैसे एआई टूल आए हैं तब से चीजें और भी चुनौतीपूर्ण हो गई हैं, इस बात की जानकारी हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है। आइए जानते हैं कि मई में टेक सेक्टर में कितने लोगों ने नौकरी गंवाई है।
2022 से हुई एआई टूल्स की एंट्री
याद दिला दें कि OpenAI ने नवंबर 2022 में ChatGPT को पेश किया था, इसके बाद फरवरी 2023 में Google और Microsoft भी अपने एआई टूल्स लेकर आ गए। बता दें कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स में अब एआई तकनीक का इस्तेमाल करने लगी हैं। चौंका देने वाली बात तो यह है कि पिछले महीने मई में 4 हजार लोगों ने टेक सेक्टर में नौकरी गंवा दी है।
मई में गई कुल 80 हजार नौकरियां
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट में पता चला है कि एआई की वजह से मई में 4 हजार लोगों ने नौकरी गंवा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने कुल मिलाकर लगभग 80,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया। इनमें से 3,900 छंटनी एआई की वजह से हुई, वहीं अन्य नौकरियों में छंटनी के पीछे आर्थिक स्थिति, लागत में कटौती समेत अन्य कारण शामिल हो सकते हैं।
रिपोर्ट में 2023 में अब तक हुई कुल नौकरियों में कटौती पर भी जानकारी साझा की गई है, पता चला है कि जनवरी से लेकर मई तक करीब 4 लाख लोगों से हाथ धो बैठे हैं। एक प्रवक्ता ने इनसाइडर को यह भी बताया कि यह पहली बार था जब एआई को नौकरी में छंटनी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।