रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने पत्रवार्ता का आयोजन कर छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हुए कार्यों में भरी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया है कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हुए कार्यों की जांच स्वतंत्र एजेंसी करेगी, जिसके आदेश केंद्र सरकार ने जारी कर दिए हैं।
भाजपा सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री, विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने मिडिया के समक्ष इसकी जानकारी प्रस्तुत की। सांसद सुनील सोनी ने बताया कि वे केंद्र में अर्बन डेवलपमेंट हाऊसिंग कमेटी के सदस्य हैं और इसकी बैठकों में उन्होंने रायपुर स्मार्ट सिटी में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाये। इस बीच पूर्व मंत्री राजेश मूणत और स्थानीय भाजपा पार्षदों ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर इस संबंध में शिकायत की तब मंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटीज में हुए कार्यों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाएगी। सुनील सोनी ने बताया कि हाल ही में सरकार ने हैदराबाद की एक एजेंसी को जांच का जिम्मा सौंपा है, जिसके प्रमुख श्रीनिवास चेरी हैं। यह एजेंसी 2 महीने में अपनी जांच पूरी कर देगी।
सांसद सुनील सोनी ने बताया कि उन्होंने बजट बैठक में हिस्सा लेने के दौरान स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र द्वारा आबंटित कार्य और इसके तहत राज्यों में किये गया कार्यों की सूची का अवलोकन भी किया। इसमें स्मार्ट सिटी रायपुर को 90, बिलासपुर को 48 और नवा रायपुर के लिए भी कार्य आबंटित किये गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि रायपुर स्मार्ट सिटी को काम दिए गए 90 और सरकार को जानकारी दी गई कि यहां कुल 240 कार्य किये गए हैं। ऐसा कैसे संभव हो सकता है। सांसद सोनी ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी के कार्यो को डाइवर्ट करके दूसरे कामों में लगाया गया है।
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस मौके पर कहा कि रायपुर नगर निगम देश की सबसे भ्रष्ट और निकम्मी निगम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का KBD एरिया तय किया गया था कि शहर में कहां-कहां कार्य होंगे मगर इसकी परिधि से बाहर ज्यादातर कार्य कराये गए हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि जो काम स्मार्ट सिटी की अंतर्गत नहीं आते हैं उन्हें भी किया गया। उन्होंने बताया कि चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण, गेट का निर्माण, पुलिस थाने का निर्माण किया गया। नगर निगम के पास अगर कोई काम बचा है तो वो स्मार्ट सिटी के पैसों का दुरपयोग कर उसमें भ्रष्टाचार करना रह गया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि जीई रोड तेलीबांधा से लेकर VIP रोड तक के सौन्दर्यीकरण के ढाई करोड़ का काम बिना टेंडर के शुरू कर दिया गया। स्मार्ट सिटी के ऐसे कई काम हैं जो करोड़ों के थे, उन्हें 20 – 30 लाख में टुकड़ों में बांटकर अपने चहेतों को दे दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि एजुकेशनल हब के खेल मैदान में चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है, क्या इसके लिए खेल विभाग और नेशनल हाइवे से अनुमति ली गई? तेलीबांधा मार्ग के सौंदर्यीकरण के लिए क्या नेशनल हाइवे से अनुमति ली गई? इसी तरह उन्होंने मोतीबाग की जगह साइंस कॉलेज में लाइब्रेरी के निर्माण की वकालत की। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर को बद से बदतर करने का कार्य नगर निगम के महापौर एज़ाज़ ढेबर ने किया है। बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया कि स्वतंत्र एजेंसी से होने वाली जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
बृजमोहन अग्रवाल ने इस दौरान कहा कि स्मार्ट सिटी के CEO, नगर निगम के कमिश्नर और वहां के अधिकारीयों को सलाह दे डाली कि वे नियमों को ताक पर रखकर काम करना बंद कर दें, अन्यथा उन्हें कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मार्च 2023 तक काम पूरा करना है, और पैसे लेप्स न हो जाएं, इसलिए आनन फानन में तालाबों के सौन्दर्यकरण के लिए 100 करोड़ रूपये, सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 50 करोड़ रूपये जहां पर कोई जरुरत नहीं है वहां पर स्मार्ट सिटी के पैसे से कार्य स्वीकृत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर स्मार्ट सिटी को बर्बाद करने वालों को जेल की सींखचों के पीछे जाना चाहिए।
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