बिलासपुर। सात साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने अभियुक्त के अधिवक्ता की ओर से पेश किए गए तर्क पर भी तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि यह कैसे संभव है कि कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति दुष्कर्म की नीयत से किसी बच्ची को लेकर जाए और घटना को अंजाम दे। इसका कोई भी चिकित्सकीय प्रमाण नहीं पेश किया गया है। कोर्ट ने कहा कि अपनी सुविधानुसार ठीक होना और लाभ के लिए खुद को पागल बताना यह उचित नहीं है। साथ ही घटना में प्रयुक्त साइकिल को भी निलाम करने के अदालत ने आदेश दिए है।
क्या है मामला
पीड़िता की मां ने हिर्री थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी सात वर्षीय पुत्री 21 नवंबर 2021 की शाम चार बजे दादी के साथ सब्जी बेचने बाजार गई थी। भोलाराम निषाद भी बाजार गया था। उसकी सास सब्जी बेच रही थी। पीड़िता घर जाने की बात कहकर भोलाराम की साइकिल पर बैठ गई। भोलाराम बच्ची को सुनसान जगह ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
जब्त साइकिल की होगी नीलामी
घटना में उपयोग किए गए साइकिल की नीलामी करने का आदेश विशेष कोर्ट ने दिया है। नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि को शासकीय खजाने में जमा कराया जाएगा। विशेष अदालत ने पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आर्थिक क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं।