बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन के 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। डिप्टी कलेक्टर की लगी याचिका पर अवमानना के मामले में यह नोटिस जारी हुआ है।
स्टेशन पारा महासमुंद निवासी शंकरलाल सिन्हा वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर पद पर पदस्थ है। पूर्व में तहसीलदार के पद पर पदस्थापना के दौरान शंकरलाल सिन्हा के बैच के अन्य तहसीलदारों को वर्ष 2016 में डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन प्रदान कर दिया गया परंतु शंकरलाल सिन्हा के विरुद्ध एक विभागीय जांच लंबित होने के कारण उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रमोशन प्रदान नहीं किया गया था। वर्ष 2018 में सचिव राजस्व विभाग द्वारा शंकरलाल को विभागीय जांच कर पूर्ण रूप से दोषमुक्त कर दिया गया। वर्ष 2016 से डिप्टी कलेक्टर पद पर सीनियारिटी हेतु माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर करने पर उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा शंकरलाल की याचिका को स्वीकार कर 4 माह के भीतर शंकरलाल सिन्हा को वर्ष 2016 से डिप्टी कलेक्टर पद किस सीनियारिटी हेतु प्रस्तुत अभ्यावेदन का नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिया गया।
पर निर्धारित समयावधि में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर शंकरलाल सिन्हा द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पांडे एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष अवमानना याचिका दायर किए जाने 24 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट द्वारा राजस्व सचिव वह सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया गया।
7 फरवरी 2023 को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया की अवमानना नोटिस जारी होने के 6 माह पश्चात् भी आज दिनांक तक दोनों अफसरों ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। उच्च न्यायालय ने उक्त लापरवाही को गंभीर मानते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की एवं उच्च न्यायालय बिलासपुर में लगातार बढ़ रहे हो मानना मामलों पर घोर चिंता व्यक्त करते हुए कठोर कार्यवाही करते हुए सचिव सामान्य प्रशासन एवं सचिव राजस्व विभाग को 25-25 ₹9000 का जमानती वारंट जारी करते हुए सचिव सामान्य प्रशासन एवं सचिव राजस्व विभाग को दिनांक 24 मार्च 2023 को उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष उपस्थित होने का कठोर निर्देश दिया।