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CG: एसडीएम पर आरोप लगाने वाला ड्राइवर खुद संदेह के दायरे में, अधिकारी का पक्ष भी आया सामने…

एसडीएम प्राची ठाकुर के सकारात्मक कार्य और बेहतरीन कार्य प्रणाली ने बालोद जिले क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्र में अग्रणी और अव्वल कार्य किया है , जिसे लेकर स्वतन्त्रता दिवस पर सांसद विजय बघेल ने उन्हें सम्मानित भी किया है,

*बालोद*, बालोद जिले में वाहन चालक, कमल किशोर गंगराले, द्वारा एसडीएम प्राची ठाकुर पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, जांच में ये आरोप झूठे साबित हुए और चालक की नकारात्मक कार्यप्रणाली उजागर हुई है कि ड्राइवर ने शासकीय वाहन की खराबी का झूठा बहाना बनाकर निजी वाहन के उपयोग का गलत आरोप लगाया। इसके अलावा, चालक की अनुशासनहीनता और गलत आचरण के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। अंततः, यह मामला एक गहरी साजिश का प्रतीक है, जिसे एसडीएम की छवि को धूमिल करने के लिए रचा गया था, लेकिन जांच के बाद सच्चाई सामने आई,

बालोद जिले क्षेत्र में एसडीम प्राची ठाकुर को लेकर उनके ही वाहन चालक ने कूट रचना रच कर षड्यंत्रपूर्वक एक झूठा आरोप गढ़ दिया था ,उस आरोप की जब सूक्ष्म जांच कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, तथ्य यह थे कि वाहन चालक कमल किशोर गंगराले की कार्यप्रणाली काफी दिनों से असंतोष रहने की वजह से वह सुर्खियों में रहे हैं और अपनी गलतियों को पर्दा डालने के लिए अपने ही अधिकारियों पर झूठा आरोप लगा दिया है ,जबकि वास्तविक यह है कि जो शासकीय वाहन की चर्चा की जा रही है वह शासकीय वाहन पूरी तरह खराब हो चुकी है और इसका प्रमाण कमल किशोर गंगराले ने ही लिखित में अपने उच्च अधिकारियों को दिया था और कहा था कि शासकीय वाहन लंबे समय तक ,लंबी दूरी तक नहीं जा सकता कारण की वाहन के इंजन के अलावा अन्य कार्य है इसलिए उन्होंने निजी वाहन में चलने की सलाह दी थी,उच्च अधिकारियों को अपनी बातों में फंसा कर निजी वाहन का उपयोग कराकर बालोद जिले के दूसरे लोगों के कहने पर कूटरचना षड्यंत्रपूर्वक रचा गया और उस षड्यंत्र में स्वयं वाहन चालक कमल किशोर गंगराले बुरी तरह फंस गया अब स्थिति यह हो गई एक और खाई और दूसरी और गड्ढा दोनों पाटने योग्य नहीं है, जल्दबाजी में लिया गया निर्णय उसके भविष्य और नौकरी पर खतरे की घंटी बजने लगी है,, बालोद जिले क्षेत्र की एसडीएम प्राची ठाकुर के सकारात्मक कार्य और बेहतरीन कार्य प्रणाली ने बालोद जिले क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्र में अग्रणी और अव्वल कार्य किया है , जिसे लेकर स्वतन्त्रता दिवस पर सांसद विजय बघेल ने उन्हें सम्मानित भी किया है,

प्राची ठाकुर की छवि को धूमिल करने के लिए कूटरचना रच कर षड्यंत्र कर डाला जो काफी निंदनीय है पूरे बालोद जिले में अधिकारी वर्ग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है,, बताया जाता है कि ड्राइवर कमल किशोर की कार्यप्रणाली काफी असंतोष और असंतुष्ट होने की वजह से वह कभी भी पदमुक्त हो सकते थे और पदमुक्त होने के पूर्व उन्होंने इस तरह का एक प्रयास किया जब पूरी तरह असफल रहा, वाहन चालक कमल किशोर के खिलाफ लगातार गंभीर आरोप पिछले कई वर्षों से लगते आ रहे हैं एक नहीं विभिन्न अधिकारियों ने उनकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान उठाया है,,?

  विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाहन चालक कमल किशोर का परिवार बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा मे निवास करते हैं, परिवार से मिलने वह अवकाश लेकर जाता है, अवकाश से आने के बाद वह अनुपस्थिति दिवस मे भी उपस्थिति का हस्ताक्षर करता था, एस डी एम को नाम से संबोधित करता था जो कि कदाचार की श्रेणी में आता है इसकी जानकारी होने पर एसडीएम प्राची ठाकुर ने उस पर कार्यवाही कि बात कही जिससे घबराकर उसने यह आरोप लगाया ,उस पर यह भी आरोप था कि एक महिला अधिकारी के सामने ही सार्वजनिक रूप से धुम्रपान करता था, उस पर पूर्व मे भी विभाग की गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने का आरोप लग चुका है, इसके चलते उसे पद से हटाते हुए ज़िला कार्यालय अटैच किया गया एवं उसके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही थी। 

जानकारी के अनुसार ड्राइवर कमल किशोर ने स्वयं लाग बुक एवं डीजल पंजी मे लिखित हस्ताक्षर कर जानकारी दिया है कि सरकारी वाहन चलने के लायक नही है, ऐसे मे सरकारी वाहन के दुरूपयोग करने के आरोपो की सत्यता संदेह के दायरे मे आ गई है, वही सरकारी वाहन खराब होने के कारण एसडीएम द्वारा निजी वाहन का ही उपयोग किया जा रहा था ऐसे में वे निजी वाहन से कही भी जाये उससे ड्राइवर को मतलब नहीं होना चाहिए था परंतु ऐसे मे ड्राईवर द्वारा लगाया गया आरोप स्वयं ही संदेहो एवं जांच के दायरे मे आ गया है। 
          मामले मे एसडीएम प्राची ठाकुर ने कहा कमल किशोर अवकाश लेकर परिवार के पास दंतेवाड़ा जाता था, लेकिन वापस आकर वह अनुपस्थित दिवस मे भी हस्ताक्षर करता था। ड्राईवर ने स्वयं लिखित जानकारी दी है कि सरकारी वाहन खराब है,,,

तानाशाही रवैया अधिकारी का नहीं ड्राइवर का रहा,,,,

बालोद जिले के अन्य लोगो के कहने पर एक अदना सा ड्राइवर ने तानासाही रवैया अपनाया ,,तानाशाही रवैया वाहन चालक कमल किशोर का रहा अफसर शांत रहे,, अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को उत्साहित करने की बजाय हतोत्साहित करने का प्रयास,,,,

महिला अधिकारी होने के बावजूद कड़ी मेहनत कर शासन के नियमों का पालन कर शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का सफल प्रयास कर सकारात्मक और बेहतरीन छवि बनाने वाले प्राची ठाकुर को उत्साहित करने की बजाय
हतोत्साहित करने का प्रयास किया गया जो पूरी तरह निंदा का विषय बना रहा,,

बालोद जिले के चिन्हित और दागी कुछ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली काफी असंतोष और असंतुष्ट है जिस थाली में खाना उसी थाली में छेद करना यह उनकी आदत में शामिल हो गया है,,इस पूरे मामले में बालोद जिले के कुछ कर्मचारियों की कार्यशैली संदिग्ध लग रही है,,,

वाहन चालक कमल किशोर के एक बयान से जब सूक्ष्म जांच कराई गई और दर्जनों लोगों की कार्यप्रणाली संदिग्ध नजर आई,
एक सामान्य सा ड्राइवर अपने उच्च अधिकारी की शिकायत किस तरह कर सकता है.

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