रायपुर. छत्तीसगढ़ में 202 शासकीय स्नातक महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहे हैं. सिर्फ 24 में ही नियमित प्राचार्य की नियुक्ति की गई है. उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है.
भाजपा विधायक रजनीश सिंह ने पूछा था कि राज्य में कुल कितने शासकीय स्नातक महाविद्यालय हैं? इन महाविद्यालयों में कितने में नियमित प्राचार्य पदस्थ हैं और कितने नियमित प्राचार्य के पद रिक्त हैं.
मंत्री पटेल ने बताया, राज्य में कुल 226 शासकीय स्नातक महाविद्यालय हैं. इन महाविद्यालयों में 24 नियमित प्राचार्य पदस्थ हैं और 202 महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य के पद रिक्त हैं.
सिंह ने पूछा कि क्या छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक सेवा भर्ती नियम-2019 के अनुसार पदोन्नत प्राध्यापकों का वेतनमान 37400-67000 एजीपी 10000 के साथ निर्धारित किया गया था? यदि हां तो निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं तो कारण बताएं.
मंत्री ने बताया, जी हां, वेतनमान 37400-67000 एपीजी 10000 के साथ निर्धारित किया गया था. पदोन्नत प्राध्यापकों को अब तक एजीपी दस हजार का वेतनमान नहीं दिया गया है. वर्तमान में कार्यरत पदोन्नत प्राध्यापक छत्तीसगढ़ शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम, 1990 में अंकित प्रावधान अनुसार सीधे सहायक प्राध्यापक से पदोन्नत प्राध्यापक (एजीपी नौ हजार) के पद पर पदोन्नत होकर कार्यरत थे. विभागीय पत्र क्रमांक एफ 2-10/2009/38-1, दिनांक 08.07.2014 से दस हजार का एजीपी केवल विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के संबंध में होने के कारण महाविद्यालय के पदोन्नत प्राध्यापकों को लाभ नहीं दिया जा रहा है.
सिंह ने पूछा, शासकीय महाविद्यालयों में नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को नियमानुसार दी जाने वाली एजीपी (7000 एवं 8000) की पात्रता जिन्होंने पूर्ण कर ली है? क्या उनको लाभ दिया जा रहा है?
मंत्री ने बताया, शासकीय महाविद्यालयों में नियुक्त सहायक प्राध्यापकों को पात्रता अनुसार ज्येष्ठ वेतनमान (एजीपी 7000) एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान (एजीपी 8000) का लाभ समय-समय पर दिया जाता है.