बलौदाबाजार-भाटापारा। भाटापारा ब्लॉक के प्रभारी बीईओ को हटाने की मांग को लेकर शिक्षको के आंदोलन के बाद प्रभारी बीईओ को हटा दिया गया है। ज्ञातव्य है कि ब्लॉक के बीईओ के खिलाफ दुर्व्यवहार व गाली गलौच का आरोप लगाकर ब्लॉक के शिक्षको व लिपिकों के द्वारा स्कुलो में ताला बंदी कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा भाटापारा ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी केके यदु का स्थानांतरण कर दिया गया था। जिसके खिलाफ केके यदु ने स्थानांतरण आदेश पर स्टे ले लिया। केके यदु व्याख्याता हिंदी के मूल पद पर है। जो प्रभार में भाटापारा के बीईओ थे। जिन्हें बलौदाबाजार विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लाहोद में स्थानांतरित किया गया था। इसी बीच सहायक खंड शिक्षा अधिकारी रामजी पाल को जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ का प्रभार सौपते हुए वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सौप दिये।
भाटापारा ब्लॉक के प्रभारी बीईओ रामजी पाल के द्वारा शिक्षकों व लिपिकों से दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे। शिक्षकों व लिपिकों के अनुसार विगत दिनों उन्होंने अपने कार्यालय के लिपिकों के साथ गाली गलौच व दुर्व्यवहार किया। साथ ही अन्य शिक्षकों से भी तानाशाही व्यवहार व दुर्व्यवहार की शिकायतें उनके खिलाफ थी। जिस पर ब्लॉक के बीईओ के खिलाफ़ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया था। शिक्षको ने आरोप लगाते हुए बताया कि बीईओ दफ्तर में तीन सहायक खंड शिक्षा अधिकारी पदस्थ है। जिसमे रामजी पाल सबसे जूनियर है। शिक्षको का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने भ्रष्टाचार करते हुए 13 फरवरी को आदेश जारी कर कनिष्ठ एबीईओ रामजी पाल को प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार सौप दिए थे।
शिक्षको के अनुसार रामजी पाल को पदभार देकर जिला शिक्षा अधिकारी ने हाईकोर्ट व शिक्षा सचिव के आदेश की अवमानना की है। ब्लॉक के शिक्षको के द्वारा रामजी पाल को बीईओ के पद से हटाने के लिए आंदोनल शुरू किया था। इसके लिए ब्लॉक के सारे शिक्षक 15 फरवरी से स्कुलो में तालाबंदी कर प्रभारी बीईओ को हटाए जाने की मांग कर रहे थे। साथ ही बीईओ कार्यालय में तालाबंदी की बात भी कही थी। जिसके बाद आज जिला शिक्षा अधिकारी ने रामजी पाल से बीईओ का प्रभार वापस लेते हुए उसी ऑफिस में पदस्थ सहायक खंड शिक्षा अधिकारी भास्करचंद देवांगन को बीई ओ का प्रभार दे दिया है। हालांकि पूर्व में पदस्थ बीईओ केके यदु भी इसी कार्यालय में स्टे के बाद पदस्थ है।
वही इस मामले में भाटापारा विधायक शिवरतन शर्मा का कहना है कि जब से यह सरकार आई है तब से हर ट्रांसफर पैसे ले कर किये जा रहे हैं और अधिकारियो को रुकने के लिए रिचार्ज करवाना पड़ रहा है। जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई है और स्कुलो में तालाबंदी से बच्चो की पढ़ाई का नुकसान हुआ है। यदि यह मुद्दा नही सुलझता तो वे इसे विधानसभा में भी उठाने वाले थे।