रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी (AISECT) को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. वर्ष 2001 से 2004 के बीच इंदिरा सूचना शक्ति योजना के अंतर्गत स्कूलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण का काम इस संस्था को दिया गया था. इसमें 1.82 करोड़ के भुगतान पर विधानसभा की लोक लेखा समिति ने आपत्ति की थी. आईसेक्ट ने लोक लेखा समिति के सर्वे को ही अविश्वसनीय माना. समिति की अनुशंसा के आधार पर फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. बता दें कि बिलासपुर कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी भी AISECT द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी है. इसके कुलपति संतोष चौबे, रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला, उप रजिस्ट्रार नीरज कश्यप और पूर्व रजिस्ट्रार शैलेष पांडेय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज हो चुका है. यूनिवर्सिटी पर मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप लगे थे. वहीं, मान्यता नहीं होने के कारण कई युवाओं की डिग्रियों को नौकरी के समय अमान्य कर दिया गया था.
इस मामले में किया गया ब्लैक लिस्टेड
जोगी शासन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए इंदिरा सूचना शक्ति योजना के अंतर्गत AISECT को काम दिया गया था. 2001 से लेकर 2004 के बीच AISECT के पास यह काम था. विधानसभा की लोक लेखा समिति ने अपने ऑडिट में यह पाया कि योजना का संचालन दोषपूर्ण था. इसमें 1.82 करोड़ के भुगतान में खामी पाई. AISECT के साथ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जो अनुबंध किया गया था, उसका पालन नहीं किया गया. इसके लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. AISECT ने लोक लेखा समिति के नोटिस का जवाब देने के बजाय सर्वे को अविश्वसनीय माना. लोक लेखा समिति ने अपने 36वें प्रतिवेदन में ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा की थी, जिसके आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश जारी कर दिया है.