रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण और धर्मांतरण के मुद्दे पर गरमाई राजनीति के बीच भाजपा ने 21 जनवरी को अंबिकापुर में आदिवासी सम्मेलन करने की योजना बनाई है। इसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने का लक्ष्य है। 21 व 22 जनवरी को अंबिकापुर में ही कार्यसमिति की बैठक भी रखी गई है। इसमें प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, नितिन नबीन सहित अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। आदिवासी सम्मेलन में किसी राष्ट्रीय नेता को भी बुलाया जा सकता है। हालांकि अभी कोई नाम तय नहीं है।
राजनांदगांव जिले के सोमनी में हुई भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में चुनावी तैयारियों के लिहाज से कई रणनीतिक कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें आदिवासी सम्मेलन एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इस आयोजन के जरिये भाजपा बड़े वर्ग को साधने की कोशिश करेगी। आरक्षण और धर्मांतरण के मुद्दे पर राज्य सरकार से आदिवासी समाज नाराज है। आदिवासी सम्मेलन के जरिए भाजपा इसे भुनाने की कोशिश करेगी। एक और बड़ी कवायद 11 हजार गांवों में पीएम आवास योजना के हितग्राहियों को तलाशने की है। करीब 11 लाख परिवार हैं, जिन्हें राज्य सरकार की ओर से राज्यांश की राशि नहीं दिए जाने के कारण आवास उपलब्ध नहीं हो पाएगा। इन्हें लेकर भाजपा एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। फिलहाल पांच हजार गांवों तक संपर्क हो चुका है। 21-22 जनवरी को होने वाली कार्यसमिति से पहले सभी मोर्चा को संगठन की नियुक्तियां करने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल किसान मोर्चा की नई टीम का ऐलान नहीं हुआ है। वहीं, युवा मोर्चा के कुछ जिलों के अध्यक्ष बदले जाने हैं।
माथुर की दो टूक – मतभेद रखें, पर पार्टी का काम करें
प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने अपने दीर्घ अनुभव में शामिल किस्सों के जरिए पार्टी के नेताओं को दो टूक कह दिया कि वे मतभेद रखें। आपस में खटपट हो रही है तो उसे खत्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि पार्टी ने जो लक्ष्य तय किया है। कार्ययोजना का जो हिस्सा जिसे मिला है, उसे पूरा करें। विधानसभा चुनाव में टिकट के आकांक्षी पदाधिकारियों को भी उन्होंने इशारा कर दिया कि कौन लड़ेगा या नहीं, इस बात की चिंता न करें। आप अपने हिस्से का काम करें। पार्टी आपकी चिंता करेगी।
ओमप्रकाश माथुर राजनांदगांव में ही रुके
प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के बाद ओम माथुर राजनांदगांव में ही रुक गए हैं। वे मंगलवार को बालोद जिले के कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। इसके बाद शाम तक रायपुर लौटेंगे। बुधवार को वे मोर्चा की बैठक लेंगे। इस बैठक में मोर्चा के पदाधिकारियों के कामकाज को समझेंगे और उन्हें आगे की कार्ययोजना बताएंगे।